शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई ने किसान प्रदर्शन के दौरान सिख युवक की मौत पर ट्वीट करने पर दर्ज FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी
LiveLaw News Network
3 Feb 2021 10:44 AM IST
कांग्रेस नेता और सांसद डॉ शशि थरूर और पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत के बारे में कथित तौर पर असत्यापित खबर साझा करने के लिए विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ ने भी एफआईआर को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की रैली हिंसक होने के बाद कथित तौर पर "गलत तरीके से" और " घृणा फैलाने " के लिए कई पुलिस मामले दर्ज किए गए।
उन सभी पर भारतीय दंड संहिता के तहत राजद्रोह, आपराधिक साजिश और शत्रुता को बढ़ावा देने सहित कई आरोप हैं।
एफआईआर में शामिल पत्रकारों में राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, विनोद जोस, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ हैं।
एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) नोएडा में और चार एफआईआर मध्य प्रदेश के भोपाल, होशंगाबाद, मुलताई और बैतूल में दर्ज की गई।
नोएडा में प्राथमिकी दिल्ली के पास के एक निवासी द्वारा शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसने थरूर और पत्रकारों द्वारा "डिजिटल प्रसारण" और "सोशल मीडिया पोस्ट" का आरोप लगाया था, जिन्होंने दावा किया था कि एक किसान को दिल्ली पुलिस ने गोली मार दी है । एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसने ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले की घेराबंदी और हिंसा में योगदान दिया गया।
शहर निवासी चिरंजीव कुमार की शिकायत पर दिल्ली में दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट में, पुलिस ने कहा कि थरूर और अन्य लोगों ने मध्य दिल्ली के आईटीओ में एक प्रदर्शनकारी की मौत पर लोगों को गुमराह किया जब हजारों किसानों ने लाल किला समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रवेश किया, जो ट्रैक्टर रैली के सहमती वाले मार्ग में नहीं था।
प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपियों ने अपने "नकली, भ्रामक और गलत" ट्वीट के माध्यम से यह बताने की कोशिश की कि किसान की मौत केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा की गई हिंसा के कारण हुई।