गार्गी कॉलेज में छात्राओं का यौन उत्पीड़न: सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया, हाईकोर्ट जाने को कहा

LiveLaw News Network

13 Feb 2020 9:06 AM GMT

  • गार्गी कॉलेज में छात्राओं का यौन उत्पीड़न: सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया, हाईकोर्ट जाने को कहा

    दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ हुई घटना की जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है और याचिकाकर्ता को इस मामले में हाईकोर्ट जाने को कहा है।

    गुरुवार को याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के समक्ष उल्लेख करते हुए कहा कि इस संबंध में सीसीटीवी फुटेज भी हैं। लेकिन इस दौरान CJI ने कहा कि वो इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। शर्मा ने इस पर जवाब दिया कि यह मामला राजनीतिक प्रकृति का है और हाईकोर्ट में समय लग सकता है। लेकिन पीठ ने कहा कि इस मामले में इस तरह शुरूआत में ही सुनवाई नहीं होगी और वो उचित फोरम में जाकर अपनी बात रखें।

    दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग करते हुए सुप्रीम में एक जनहित याचिका दायर की गई थी।

    गार्गी कॉलेज में अज्ञात लोगों द्वारा छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया गया था। यह याचिका वकील एमएल शर्मा ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि वार्षिक कॉलेज फंक्शन के दौरान मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों की एक भीड़ ने बिना किसी पहचान पत्र के परिसर में ज़बरदस्ती प्रवेश किया और लड़कियों को कई घंटों तक परेशान किया।

    कई शिकायतों के बावजूद न तो कॉलेज प्रशासन और न ही प्रतिनियुक्त पुलिस अधिकारियों ने इन घुसपैठियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। याचिका में कहा गया कि तथ्यों को देखते हुए यह लगता है कि दिल्ली चुनाव में एक राजनीतिक पार्टी द्वारा लोगों के वोट को प्रभावित करने के लिए एक योजनाबद्ध राजनीतिक और आपराधिक साजिश रची गई।

    याचिका में दावा किया गया था कि जैसा कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र प्रतीत होता है, इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जानी चाहिए ताकि आरोपी व्यक्तियों का पता लगाया जा सके, उनका खुलासा किया जा सके और मुकदमा चलाया जा सके।

    पुलिस अधिकारियों और राज्य अधिकारियों की ओर से इस मामले में कार्रवाई न करने की आलोचना की गई है। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो इस घटना के लिए दोषी लोगों को सुरक्षा देती है और इसलिए, "न्याय के हित में इस माननीय न्यायालय को सैकड़ों छात्राओं की सुरक्षा करने और उन्हें न्याय प्रदान करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।

    याचिका में कॉलेज प्रशासन, प्राचार्य और छात्र संघ अध्यक्ष पर भी आरोप लगाया था जिन्होंने कथित तौर पर छात्रों की नैतिक पुलिसिंग के लिए हाथापाई और यौन उत्पीड़न की टिप्पणी पर अंकुश लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की।

    याचिका में इन बिंदुओं पर प्रार्थना की गई थी :

    * सीबीआई द्वारा गार्गी परिसर (अंदर और बाहर) के आसपास के सभी वीडियो, सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच की जाए।

    * इस योजनाबद्ध आपराधिक साजिश के पीछे राजनीतिक नेताओं सहित सभी आरोपी व्यक्तियों को किया जाए।

    * मामले में इस माननीय न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट पेश की जाए और

    * उन छात्राओं को पूर्ण न्याय प्रदान करने के लिए आईपीसी की धारा 354, 376/511 आर / डब्ल्यू 120 बी के तहत मामला दर्ज किया जाए।

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