सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी ने AAP नेता सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका जस्टिस बेला त्रिवेदी की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने पर आपत्ति जताई
Shahadat
14 Dec 2023 12:45 PM IST
सीनियर एडवोकेट डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार (14 दिसंबर) को आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका जस्टिस बेला त्रिवेदी की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) के समक्ष आपत्ति जताई।
सिंघवी ने कहा,
"यह मामला जस्टिस एएस बोपन्ना के समक्ष सूचीबद्ध था। उन्होंने इसकी ढाई घंटे तक सुनवाई की थी। अब यह मामला जस्टिस बेला त्रिवेदी के समक्ष सूचीबद्ध है।"
हालांकि, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ बेंच संयोजन को बदलने के इच्छुक नहीं दिखे।
उन्होंने कहा,
"न्यायाधीश अपने सामने सूचीबद्ध मामले में क्या कर रहे हैं, इस पर मैं नियंत्रण नहीं रखूंगा। मामला न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध है। न्यायाधीश इस पर फैसला लेंगे। मैं नहीं कर सकता।"
इस मौके पर सीनियर वकील सिंघवी ने कहा कि वह सिर्फ मामले में मोहलत मांग रहे हैं। हालांकि, सीजेआई ने दोहराया कि एक बार मामला न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध हो जाने के बाद वह हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मई, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। वह तब तक हिरासत में रहे जब तक कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने उन्हें इस साल 26 मई को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत की अनुमति नहीं दे दी।
जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने अगस्त में संक्षिप्त सुनवाई के बाद जैन की अंतरिम जमानत बढ़ा दी। 1 सितंबर को यह मामला जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीके मिश्रा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, लेकिन जस्टिस मिश्रा के इनकार के बाद इसे स्थगित कर दिया गया। बाद में मामले को कुछ मौकों पर जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के संयोजन के समक्ष रखा गया।
फिलहाल यह मामला जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध है।
यह पहली बार नहीं है कि जस्टिस त्रिवेदी की पीठ के समक्ष किसी मामले को सूचीबद्ध करने पर विवाद हुआ है। इससे पहले, तमिलनाडु सतर्कता निदेशक ने एससी रजिस्ट्री को पत्र लिखकर जस्टिस त्रिवेदी की पीठ के समक्ष अपील सूचीबद्ध करने पर इस आधार पर आपत्ति जताई थी कि इस मामले की सुनवाई पहले जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने की थी।
पिछले हफ्ते, वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को पत्र लिखकर जस्टिस त्रिवेदी की पीठ के समक्ष UAPA याचिकाओं को सूचीबद्ध करने में अनियमितता का आरोप लगाया। इन मामलों में आपत्ति का सामान्य आधार यह है कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार, जब बेंच संयोजन बदलता है तो मामले को उस बेंच के सीनियर जज की बेंच के अनुरूप होना चाहिए।