धारा 202 सीआरपीसी: सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया, चेक मामलों में शिकायतकर्ता की ओर से गवाहों के साक्ष्य हलफनामे पर लिए जा सकते हैं
Avanish Pathak
26 Aug 2023 4:14 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि चेक मामलों में शिकायतकर्ता की ओर से गवाहों के साक्ष्य को हलफनामे पर लेने की अनुमति दी जा सकती है। इस मामले में, हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 202(1) के शासनादेश का अनुपालन न करने के आधार पर समन जारी करने के आदेश को रद्द कर दिया।
हालांकि, हाईकोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच करने के लिए विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट को कोई और निर्देश जारी नहीं किया था।
अपील में, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस पंकज मिथल की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने "एनआई एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत मामलों की त्वरित सुनवाई" के मामले में संविधान पीठ की ओर से जारी दिशानिर्देश पर गौर किया, "संहिता की धारा 202 के तहत जांच के संचालन के लिए, शिकायतकर्ता की ओर से गवाहों के साक्ष्य को हलफनामे पर लेने की अनुमति दी जाएगी। उपयुक्त मामलों में, मजिस्ट्रेट गवाहों की जांच पर जोर दिए बिना जांच को दस्तावेजों की जांच तक सीमित कर सकता है।"
इसलिए पीठ ने एचसी के फैसले को संशोधित किया और ट्रायल कोर्ट को सीआरपीसी की धारा 202 के चरण से आगे बढ़ने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ऐसा करते समय विद्वान मजिस्ट्रेट को संविधान पीठ द्वारा जारी निर्देश का पालन करना होगा।
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