SCBA ने Delhi LG की पुलिस अधिकारियों को पुलिस थानों से वर्चुअल साक्ष्य देने की अनुमति देने वाली अधिसूचना की निंदा की

Shahadat

23 Aug 2025 11:55 AM IST

  • SCBA ने Delhi LG की पुलिस अधिकारियों को पुलिस थानों से वर्चुअल साक्ष्य देने की अनुमति देने वाली अधिसूचना की निंदा की

    सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने एक बयान जारी कर दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) द्वारा 13 अगस्त, 2025 को जारी की गई उस अधिसूचना की कड़ी निंदा की। इस अधिसूचना में पुलिस थानों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम्स को पुलिस अधिकारियों के साक्ष्य वर्चुअल रूप से दर्ज करने के लिए निर्धारित किया गया।

    22 अगस्त, 2025 को पारित प्रस्ताव में SCBA अध्यक्ष विकास सिंह और कार्यकारी समिति ने इस अधिसूचना को "गंभीरता से" लिया और इसे मनमाना, गैरकानूनी और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध बताया।

    एसोसिएशन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह का कदम "न केवल न्यायिक प्रक्रिया की पवित्रता को कमज़ोर करता है, बल्कि उससे समझौता भी करता है।"

    इस आदेश के दूरगामी परिणामों पर चिंता व्यक्त करते हुए SCBA ने कहा कि यह अधिसूचना न्यायिक स्वतंत्रता और न्याय के निष्पक्ष प्रशासन के लिए गंभीर खतरा है।

    प्रस्ताव में कहा गया:

    “SCBA का दृढ़ विश्वास है कि इस तरह की अधिसूचना न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्याय के निष्पक्ष प्रशासन को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। साथ ही व्यापक जनहित के विरुद्ध भी है।”

    SCBA ने अपनी “कड़ी निंदा” दर्ज करते हुए संबंधित अधिकारियों से अधिसूचना तुरंत वापस लेने का आग्रह किया।

    आगे कहा गया,

    “तदनुसार, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन उक्त अधिसूचना की कड़ी निंदा करता है और संबंधित अधिकारियों से न्याय और कानून के शासन के हित में इसे तुरंत वापस लेने का आग्रह करता है।”

    उपराज्यपाल की यह अधिसूचना भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 265(3) के दूसरे प्रावधान के अनुसार जारी की गई, जो राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित निर्दिष्ट स्थान पर “ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों” से गवाहों की जांच करने की अनुमति देता है।

    देहली ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के बार एसोसिएशनों ने भी इस कदम का विरोध किया।

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