SCAORA ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार से अन्य अधिवक्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लिंक शेयर न करने संंबंंधित सर्कुलर वापस लेने का आग्रह किया
LiveLaw News Network
17 Nov 2020 6:23 AM GMT
![National Uniform Public Holiday Policy National Uniform Public Holiday Policy](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2020/02/19/750x450_370427-national-uniform-public-holiday-policy.jpg)
Supreme Court of India
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से एक SOP जारी करने का आग्रह किया है ताकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में मामलों के मौखिक प्रस्तुति को सक्षम किया जा सके।
एसोसिएशन ने देश की सर्वोच्च अदालत से भी अपील की है कि वह AoR/अधिवक्ताओं के लिए एक अतिरिक्त लिंक तैयार करके अदालत की कार्यवाही को सभी अदालतों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिवक्ताओं तक इसकी पहुंच को सक्षम और अधिक सुलभ बनाये।
एसोसिएशन का यह आग्रह सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी उस सर्कुलर के बाद आया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अनुमति के बगैर वीडियो कांफ्रेंसिंग का लिंक साझा करने के खिलाफ एओआर और पार्टीज -इन- पर्सन को आगाह किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक सर्कुलर जारी करके अपनी अनुमति के बगैर वीडियो कांफ्रेंसिंग लिंक / स्क्रीन को अनधिकृत तरीके से साझा करने के खिलाफ एडवोकेट्स – ऑन - रिकॉर्ड (एओआर) और पार्टीज – इन - पर्सन को आगाह किया था।
सर्कुलर के अनुसार, ऐसा देखा गया है कि एडवोकेट्स – ऑन - रिकॉड वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए उपलब्ध कराये गये लिंक को सुनवाई के दौरान जिरह के वास्ते दो से अधिक वकीलों को उपलब्ध करा देते हैं, जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का उल्लंघन है। कोर्ट की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि लिंक को इस तरह अनधिकृत रूप से साझा किये जाने से कोर्ट की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न होती है।
सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को संबोधित पत्र में एसोसिएशन ने कहा,
"हम आपके संंज्ञान मेंं लाना चाहते हैं कि फिजिकल कोर्ट के स्थान पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वर्चुअल अदालत) की कार्यवाही के माध्यम से सुनवाई की जा रही है। हालांकि, अदालतों में मौखिक प्रस्तुति की सुविधा सभी AOR / अधिवक्ता, जूनियर अधिवक्ताओं को अपने ज्ञान और अनुभव आदि को समृद्ध का अवसर देती है। लेकिन अदालत में अदालती कार्यवाही को देखने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (आभासी अदालत) के माध्यम से सुनवाई के आठ महीने की अवधि के बाद उक्त संंदर्भ में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है। "
इसने आगे बताया कि ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें संबंधित AOR / एडवोकेट्स के ऑडियो और वीडियो कार्यवाही के दौरान अनम्यूट नहीं होते हैं, क्योंकि वीडियो और ऑडियो का नियंत्रण हमेशा विशेष कोर्ट हॉल के नियंत्रक के पास होता है।
SCAORA ने सुप्रीम कोर्ट से इस सर्कुलर को वापस लेने और अधिवक्ताओं के लाभ के लिए एक SoP जारी करने का आग्रह किया है।