दुष्कर्म के मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने संबंधी महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
6 Aug 2020 2:32 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले को उत्तर प्रदेश की एक अदालत से दिल्ली स्थानांतरित करने संबंधी एक महिला की याचिका पर नोटिस जारी किया है।
एक दुष्कर्म पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट में तैनात सहायक आयुक्त के खिलाफ दायर मामला स्थानांतरित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
याचिकाकर्ता की दलील है कि आरोपी दीपक शर्मा आपराधिक प्रक्रिया से बचने का और देरी करने का प्रयास कर रहे हैं। उसने आरोप लगाया है कि अभियुक्त उसके वकील सहित मामले से जुड़े सभी संबंधित लोगों को धमकी दे रहा है।
याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी दलील दी कि आरोपी ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करके आपराधिक मामला निरस्त करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर जमानत अर्जी दायर करने का निर्देश दिया था। वकील ने आगे दलील दी कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आरोपी की विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दी थी।
इन दलीलों का संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने आरोपी को नोटिस जारी किया और अमरोहा कोर्ट में लंबित आपराधिक मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी।
कानून क्या कहता है
एक राज्य की अदालत से दूसरे राज्य की अदालत में आपराधिक मामला स्थानांतरित करने की मांग को लेकर याचिकाकर्ता को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 406 के तहत अर्जी दायर करनी होती है।
जानिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की आपराधिक (Criminal) प्रकरण ट्रांसफर करने की शक्ति
यह प्रावधान सुप्रीम कोर्ट को किसी मामले को स्थानांतरित करने का अधिकार देता है, यदि उसे यह लगता है कि मामले को स्थानांतरित करना न्याय के पक्ष में होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 'नाहर सिंह बनाम केंद्र सरकार एआईआर 2011 एससी 1549' मामले में इस प्रावधान के दायरे की समीक्षा की थी।
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