यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सद्गुरु का ईशा फाउंडेशन, की यह मांग
Shahadat
16 July 2025 8:46 AM

आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन ने यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह को अपने खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने से "जारी रखने" से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
संक्षेप में मामला
सिंह ने 24 फरवरी को अपने यूट्यूब चैनल पर "सद्गुरु एक्सपोज्ड: जग्गी वासुदेव के आश्रम में क्या हो रहा है" शीर्षक से वीडियो अपलोड किया था। साथ ही इसे अपने 'एक्स' पेज पर शेयर किया था। इस वीडिया में आरोप लगाया गया कि फाउंडेशन के आश्रम में नाबालिगों का शोषण किया जा रहा है। इससे व्यथित होकर फाउंडेशन ने यूट्यूबर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया।
मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने वीडियो को हटाने का आदेश दिया और सिंह को अंतरिम उपाय के रूप में वीडियो प्रकाशित या शेयर करने से रोक दिया। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि सिंह ने "असत्यापित सामग्री" के आधार पर यूट्यूब वीडियो बनाया और वीडियो का शीर्षक जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए क्लिकबेट था। मई में न्यायालय को सूचित किया गया कि वीडियो हटा लिया गया।
सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी (ईशा फाउंडेशन की ओर से) ने बुधवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने तर्क दिया कि सिंह फाउंडेशन और उसके संस्थापक के खिलाफ अपना "निंदा अभियान" जारी रखे हुए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि मानहानि का मुकदमा चेन्नई में चलाया जाना चाहिए।
रोहतगी ने बताया कि चैंबर जज ने सिंह की ट्रांसफर याचिका पर नोटिस जारी किया। तर्क दिया कि उपरोक्त मामला ट्रांसफर का आधार नहीं हो सकता।
आवेदन में मांगी गई राहत के बारे में पूछे जाने पर सीनियर वकील ने कहा,
"अदालत का उद्देश्य उन्हें यह मानहानिकारक अभियान चलाने से रोकना है, वे यहां ट्रांसफर क्यों करवा रहे हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग क्यों कर रहे हैं... अगर वे चाहते हैं कि इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का उपयोग किया जाए तो उन्हें ऐसा करना ही होगा... हम एक धर्मार्थ संगठन हैं, जिसके अनुयायी दुनिया भर में हैं... आज सोशल मीडिया पर वे लगातार बोल रहे हैं..."
उनकी दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने संकेत दिया कि आवेदन सोमवार को सूचीबद्ध किया जा सकता है।