खराब हेयर कट के लिए दो करोड़ रुपये का मुआवजा बहुत ज्यादा; सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी से मॉडल के दावे पर नए सिरे से फैसला करने को कहा

Avanish Pathak

8 Feb 2023 8:29 PM IST

  • खराब हेयर कट के लिए दो करोड़ रुपये का मुआवजा बहुत ज्यादा; सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी से मॉडल के दावे पर नए सिरे से फैसला करने को कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के एक आदेश को रद्द कर दिया है। आयोग ने एक लेडी मॉडल को दो करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था, जिसने ख़राब हेयरकट और ख़राब हेयर ट्रीटमेंट की शिकायत की थी, जिसे उन्होंने दिल्ली के एक 5-सितारा होटल में कराया था।

    मुआवजे की राशि के नए सिरे से निर्धारण के लिए मामले को एनसीडीआरसी को वापस भेजते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की खंडपीठ ने कहा कि निर्धारण साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए और केवल प्रतिवादी उपभोक्ता के दावों पर आधारित नहीं होना चाहिए।

    कोर्ट ने कहा,

    "एनसीडीआरसी ने एक महिला के जीवन में बालों के महत्व के बारे में चर्चा की थी और कहा था कि यह मॉडलिंग और विज्ञापन उद्योग में करियर बनाने के लिए एक संपत्ति हो सकती है, हालांकि मुआवजे की मात्रा भौतिक साक्ष्य पर आधारित होनी चाहिए, न कि केवल मांगने पर।"

    तथ्य

    प्रतिवादी आशना रॉय ने 12 अप्रैल, 2018 को होटल आईटीसी मौर्या के सैलून में गईं थी। उनकी नियमित हेयरड्रेसर/स्टाइलिस्ट उपलब्ध ना होने के कारण उन्होंने दूसरे स्टाइलिस्ट से हेयर कट और ट्रीटमेंट लिया था। वह उस स्टाइलिस्ट की सर्विस पर पहले भी नाखुशी जाहिर कर चुकी थी। हालांकि मैनेजर के आश्वासन पर कि उन्होंने काफी सुधार किया है, वह नए स्टाइलिस्ट से सर्विस लेने के ‌लिए तैयार हुई थी।

    बाल कटाने के लिए रॉय की ओर से दिए गए निर्देश इस प्रकार थे-"लंबे फ्लिक्स/सामने से चेहरे को ढंकती हुईं लेयर्स और पीछे ढंकती हुई... नीचे से 4 इंच स्ट्रेट हेयर ट्रिम..।" एक घंटे के बाद, जब मॉडल ने पूछताछ की तो हेयरड्ऱेसर ने कहा कि वह उन्हें "लंदन हेयरकट" दे रही है।

    रॉय "पूरी तरह से सदमे में" थी, जब उन्होंने देखा कि स्टाइलिस्ट ने उनके निर्देशों के विपरीत "उनके पूरे बालों को ऊपर से केवल 4 इंच छोड़कर काट दिया था, जो मुश्किल से उसके कंधों को छू रहे थे।"

    उन्होंने कहा, यह बहुत अपमान और शर्मिंदगी का कारण बना, और मॉडलिंग की दुनिया में उसका करियर "पूरी तरह बिखर गया", जिससे वह डिप्रेशन में चली गई। इसके बाद, होटल ने उन्हें मुफ्त में हेयर ट्रीटमेंट का प्रस्ताव रखा- रॉय बहुत अनुनय-विनय के बाद मान लिया।

    3 मई 2018 को रॉय इसी काम के लिए दोबारा सैलून गईं। उन्हें बताया गया कि एक इन-हाउस हेयरड्रेसर उनके रेगुलर स्टाइलिस्ट की देखरेख में ट्रीटमेंट करेगा। होटल के कर्मचारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि इन-हाउस स्टाइलिस्ट अच्छा है और वेल ट्रेन्ड है, जिसने रॉय को ट्रीटमेंट लेने के ल‌िए प्रेरित किया।

    हालांकि, उपचार के दरमियान अतिरिक्त अमोनिया के प्रयोग से उनके बाल और खोपड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और परिणामस्वरूप बहुत जलन हो रही थी। रॉय के मुताबिक, हेयरड्रेसर ने बालों के क्यूटिकल्स को खोलने के लिए स्कैल्प पर मसाज करने के बहाने उनके स्कैल्प को नाखूनों से नोच डाला और काट दिया।

    उन्होंने यह भी दावा किया कि अमोनिया भरी क्रीम लगाने के बाद उनकी खोपड़ी जल गई। फिर एक हेयर स्प्रे दिया गया, जिससे उन्हें अस्थायी राहत मिली।

    ट्रीटमेंट के बाद, उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बाल "कठोर और खुरदरे" हो गए और खोपड़ी में जलन महसूस होने लगी। उन्होंने इस मुद्दे को होटल के कर्मचारियों के सामने उठाया, लेकिन उन्होंने "गालीगलौज की, असभ्य और अपमानजनक व्यवहार" किया ।

    रॉय ने कहा कि उन्होंने आईटीसी होटल समूह के प्रबंधन से भी संपर्क किया लेकिन उनके प्रयास व्यर्थ रहे। कोई अन्य विकल्प ना होने के कारण, उन्होंने सैलून के खिलाफ सेवा में कमी के आधार पर एनसीडीआरसी से संपर्क किया और आईटीसी प्रबंधन से कथित उत्पीड़न, अपमान और मानसिक आघात के लिए 3 करोड़ रुपये के मुआवजे के साथ लिखित माफी मांगी।

    एनसीडीआरसी ने सितंबर, 2021 में उसे दो करोड़ का अवार्ड दिया, जिसमें कहा गया था कि रॉय के निर्देशों के खिलाफ बाल काटने के कारण, उन्होंने अपने संभावित असाइनमेंट खो दिए। उन्हें बड़ा नुकसान हुआ, जिसने उसकी जीवन शैली को पूरी तरह से बदल दिया और "एक टॉप मॉडल बनने के उसके सपने को चकनाचूर कर दिया।"

    निष्कर्ष

    सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा कि सेवा में कमी थी या नहीं, इस सवाल पर एनसीडीआरसी ने विचार किया है और इसलिए, वह उस प्रश्न में नहीं जाना चाहता।

    अगला सवाल था- उक्त कमी के लिए उचित मुआवजा क्या होगा? बेंच ने कहा, "एनसीडीआरसी के आदेश को देखकर हमें मुआवजे की मात्रा निर्धारित करने के लिए भौतिक साक्ष्य पर कोई चर्चा या संदर्भ नहीं मिला।"

    इसलिए, रॉय से 2018 की घटना से पहले उनके मॉडलिंग असाइनमेंट और बाद की नौकरी के बारे में कई सवाल किए गए थे। कोर्ट ने कहा कि वह इस तरह के रिकॉर्ड को इंगित करने में असमर्थ थीं।

    कोर्ट ने कहा, इसकी अनुपस्थिति में उक्त हेड के तहत मुआवजे की मात्रा या आकलन करना मुश्किल होगा। केवल दर्द और पीड़ा के लिए 2 करोड़ की राशि अत्यधिक और अनुपातहीन होगी।

    अपने आदेश में, खंडपीठ ने कहा कि रॉय ने किसी भी वकील की सहायता का उपयोग करने से इनकार कर दिया था, हालांकि कानूनी सहायता की पेशकश की गई थी।

    कोर्ट ने कहा,

    "उपर्युक्त के मद्देनजर, हमारे पास आय के नुकसान, मानसिक पीड़ा और आघात के ‌लिए मुआवजे के रूप में एनसीडीआरसी के 2 करोड़ रुपये देने के आदेश को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।"

    अदालत ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को निर्देश दिया किया मामले को एनसीडीआरसी वापस भेज दिया जाए। पीठ ने निर्देश दिया कि रॉय को सबूत पेश करने की अनुमति देने के बाद एनसीडीआरसी मुआवजे की राशि तय करे।

    केस टाइटल: आईटीसी लिमिटेड बनाम आशना रॉय | सिविल अपील नंबर 6391/2021

    साइटेशन : 2023 लाइवलॉ (एससी) 87

    फैसले को पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें


    Next Story