केवल दो साझेदारों वाली कंपनी से एक के सेवानिवृत्त हो जाने पर पार्टनरशिप कंपनी समाप्त हो जायेगी : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

28 May 2020 8:28 AM GMT

  • केवल दो साझेदारों वाली कंपनी से एक के सेवानिवृत्त हो जाने पर पार्टनरशिप कंपनी समाप्त हो जायेगी : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब केवल दो साझेदार हों और उनमें से एक सेवानिवृत्त होने को तैयार हो जाता है तो साझेदार की सेवानिवृत्ति संबंधित कंपनी के विघटन का द्योतक है।

    न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ उस अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें यह दलील दी गयी थी कि चूंकि अपीलकर्ता ने साझेदार के तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया है, इसलिए साझेदारी विलेख के प्रासंगिक उपबंधों के तहत वह लेखा पुस्तिका में दर्ज आधार पूंजी का ही केवल हकदार होगा। इस दलील पर विचार करते हुए बेंच ने 'पार्टनर की सेवानिवृत्ति' और 'पार्टनरशिप कंपनी के विघटन'में अंतर पर विचार किया।

    बेंच ने कहा :-

    साझेदार की सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्गठित कंपनी जारी रहती है और सेवानिवृत्त होने वाले साझेदार को पार्टनरशिप एक्ट की धारा 37 के तहत उसके बकाये का भुगतान किया जाता है। विघटन के मामले में, पार्टनरशिप एक्ट की धारा 48 के तहत निर्धारित मोड के अंतर्गत खातों का निपटारा और भुगतान किया जाता है। जब साझेदार पार्टनरशिप खत्म करने पर सहमत होते हैं तो यह विघटन का मामला होता है, न कि सेवानिवृत्ति का। (देखें - पामुरु विष्णु विनोद रेड्डी बनाम चिल्लाकुरु चंद्रशेखर रेड्डी एवं अन्य (2003) 3 एससीसी 445)

    मौजूदा मामले में, केवल दो साझेदार होने के नाते और एक पार्टनर के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद कंपनी पार्टनरशिप फर्म के तौर पर कारोबार जारी नहीं रख सकती। किसी पार्टनरशिप फर्म के लिए कम से कम दो पार्टनर का होना जरूरी होता है। जब केवल दो पार्टनर हैं और उनमें से एक सेवानिवृत्ति को तैयार हो गया हो, तो इस सेवानिवृत्ति से कंपनी विघटित हो जायेगी। (देखें - एराच एफ. डी. मेहता बनाम मिनू एफ. मेहता (1970) 2 एससीसी 724)

    कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में केवल दो ही पार्टनर थे और इस बात के पुख्ता प्रमाण रिकॉर्ड में मौजूद हैं कि अमर सिंह ने पार्टनर के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था।

    मुकदमे का ब्योरा

    केस नं. - सिविल अपील संख्या 6659-6660/2010

    केस का नाम : गुरु नानक इंडस्ट्रीज, फरीदाबाद बनाम अमर सिंह (मृत)

    कोरम : न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी

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