वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने एमिकस के रूप में दी सेवाओं के बदले 50 लाख रुपये लेने से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने की सराहना
LiveLaw News Network
25 Aug 2020 10:58 PM IST
एमसी मेहता मामले में पूर्व सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार द्वारा एमिकस क्यूरी के रूप में दो दशक से अधिक समय तक दी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि उन्हें इन सेवाओं के बदले 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाए।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने न केवल कुमार द्वारा किए गए कार्यों की, बल्कि श्री एडीएन राव, श्रीमती अपराजिता सिंह और श्रीमती अनीता शेनॉय के काम की भी सराहना की। अदालत ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह इन सभी को भी कई मामलों में बेंच की मदद करने के लिए 25-25 लाख रुपये दें। इन मामलों में पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को उठाया गया था,जो कई वर्षों तक चले थे।
हालांकि इन भुगतान को नगर निगमों के खिलाफ समायोजित किया जाना हैं,परंतु कोर्ट ने निगम की वित्तीय स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार को इस तरह का भुगतान करने के लिए कहा है।
पीठ ने कहा कि-
''हम यह समझते हैं कि एमिकस क्यूरी श्री रंजीत कुमार को 50 रुपये और श्री एडीएन राव, श्रीमती अपराजिता सिंह और श्रीमती अनीता शेनॉय को 25-25 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जाना उचित है। दिल्ली सरकार इस राशि का भुगतान करें क्योंकि नगर निगम वित्तीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं।''
हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने भुगतान स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
यह भाव व्यक्त किए जाने के बाद कोर्ट ने प्रशंसा दर्ज की और निर्देश दिया कि कुमार को भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
रंजीत कुमार द्वारा एमिकस के रूप में किए गए प्रयासों और फिर भुगतान स्वीकार न करने के लिए उनके द्वारा दिखाई गई शालीनता के कारण, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में इसकी सराहना की, जो इस प्रकार है-
''हमें लगता है कि रंजीत कुमार ने एमिकस क्यूरी के तौर पर सार्वजनिक कामों के लिए अपनी निस्वार्थ सेवाएं प्रदान की हैं। इस काम के लिए उनको कम से कम पर्याप्त रूप से सम्मानित किया जाना चाहिए। इसलिए हम रंजीत कुमार द्वारा मामलों की अच्छी तरह से तैयारी करके कोर्ट को दी गई उनकी मानवीय सेवाएँ और बहुमूल्य मार्गदर्शन की सराहना करते हैं। वह इस मामले के लिए एक मूल्यवान संपत्ति है।
उन्होंने पर्यावरण और अन्य पहलुओं की बेहतरी के लिए अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार योगदान दिया है। हालांकि हमने श्री रंजीत कुमार को 50 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। लेकिन उन्होंने कोई भी राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसलिए उनको राशि का भुगतान न किया जाए। हम उनकी इस शालीनता की सराहना करते हैं, जिसने हमें वास्तव में आगे बढ़ाया है।''
कोर्ट ने अपने आदेश में दिल्ली सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि 2 महीने के भीतर अपेक्षित भुगतान कर दिया जाए।