सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के गलत अंग्रेज़ी अनुवाद पर जताई नाराज़गी, सावधानी बरतने की दी हिदायत
Praveen Mishra
17 Oct 2025 5:29 PM IST

हाल ही में दिए गए एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले के अंग्रेज़ी अनुवाद की खराब गुणवत्ता पर कड़ा असंतोष जताया और कहा कि अनुवाद में मूल भाषा का सही अर्थ और भाव प्रतिबिंबित होना चाहिए।
जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने एक दीवानी अपील का निपटारा करते हुए कहा कि सिविल कोर्ट के फैसले का अंग्रेज़ी अनुवाद मूल पाठ के अर्थ और भावना को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाया। अदालत ने कहा कि कानूनी मामलों में “शब्दों का अत्यंत महत्व होता है” और “हर शब्द, हर अल्पविराम पूरे मामले की समझ पर प्रभाव डालता है।”
खंडपीठने ज़ोर देकर कहा कि अनुवाद करते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए ताकि मूल भाषा का सार और उद्देश्य ठीक से सामने आए, जिससे अपीलीय अदालतें निचली अदालतों के तर्क और निष्कर्षों को पूरी तरह समझ सकें।
अदालत ने कहा, “हम सिविल कोर्ट के निर्णय के जिस तरह से अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया है, उस पर असंतोष व्यक्त करते हैं।”
अदालत ने आगे कहा, “कानून के मामलों में शब्दों का अत्यधिक महत्व है। प्रत्येक शब्द और हर अल्पविराम पूरे विषय की समझ पर असर डालता है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मूल भाषा के शब्दों का सही अर्थ और भावना अंग्रेज़ी अनुवाद में प्रतिबिंबित हो ताकि अपीलीय अदालत यह समझ सके कि निचली अदालत में वास्तव में क्या हुआ।”
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह समस्या कोई एकल मामला नहीं है। अदालत ने 'Chairman Managing Committee & Anr. बनाम Bhaveshkumar Manubhai Parakhia & Anr.' में 18 मार्च 2025 को दिए गए आदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि एक समन्वय पीठ ने भी न्यायिक दस्तावेजों के गलत अनुवाद को लेकर इसी प्रकार की चिंता व्यक्त की थी।

