विदेशों में फंसे आर्थिक रूप से कमज़ोर नागरिकों और प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए भारतीय समुदाय कल्याण कोष की मदद लेने के बारे में सुप्रीम कोर्ट में याचिका

LiveLaw News Network

7 May 2020 11:45 AM GMT

  • विदेशों में फंसे आर्थिक रूप से कमज़ोर नागरिकों और प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए भारतीय समुदाय कल्याण कोष की मदद लेने के बारे में सुप्रीम कोर्ट में याचिका

    सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर एक भारतीय समुदाय कल्याण कोष (आईसीडब्ल्यूएफ) में जमा राशि का उपयोग किए जाने की मांग की गई है ताकि खाड़ी के देशों में फंसे आर्थिक रूप से कमज़ोर प्रवासी श्रमिकों को देश वापस लाया जा सके।

    यह याचिका प्रवासी लीगल सेल की ओर से जोस अब्राहम ने दायर की है। याचिका में आईसीडब्ल्डयूएफ से 5 मई 2020 को जारी एसओपी के संदर्भ में मदद की मांग की गई है क्योंकि इसके तहत प्रवासियों को एक निश्चित निर्धारित किराया लेकर विदेश से वापस लाने की बात कही गई है।

    याचिका में कहा गया है कि चूंकि खाड़ी के देशों में भारी संख्या में भारतीय मौजूद हैं और इनमें से अधिकांश कम कुशल कार्य करते हैं और अभी इन्हें बहुत ही चुनौती भरे माहौल का सामना करना पड़ रहा है। इनसे किराए लेने से इनकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी क्योंकि ये पहले ही अपना रोज़गार गंवा चुके हैं।

    इसको देखते हुए याचिका में कहा गया है कि सरकार लोगों को विदेशों से लाने के लिए होने वाले ख़र्च को पूरा करने के लिए इस कोष का प्रयोग करे जिसे 2009 में शुरू किया गया और इसका उद्देश्य मुश्किल समय में दुनिया के ऐसे क्षेत्रों में रह रहे भारतीयों की मदद करना है, जहां संघर्ष चल रहा है, या जहां प्राकृतिक आपदा आ गई है या अन्य तरह की चुनौतियों का लोग सामना कर रहे हैं।

    याचिका के अनुसार,

    "वर्तमान परिस्थिति में, यह देखते हुए कि दुनिया के कई देशों में भारी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं, सरकार ने इन लोगों को देश वापस लाने के लिए उनसे किराया वसूलने का फ़ैसला किया है हालांकि, सरकार को इन प्रवासी श्रमिकों की स्थिति को अवश्य ही समझना चाहिए जिनकी नौकरियां जा चुकी हैं और जो खाड़ी के देशों में मुश्किलों में जी रहे हैं।"

    याचिकाकर्ता ने कहा है कि देश का संविधान सरकार पर यह उत्तरदायित्व देता है कि वह "विशेष परिस्थितियों" में अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करे।

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