सैन्य नर्सिंग सेवा अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद 'भूतपूर्व सैनिक' के रूप में अधिकार दिए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Shahadat

16 May 2025 10:45 PM IST

  • सैन्य नर्सिंग सेवा अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद भूतपूर्व सैनिक के रूप में अधिकार दिए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

    सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर कर मांग की गई कि रिटायरमेंट के बाद सैन्य नर्सरी सेवा (MMS) अधिकारियों को "भूतपूर्व सैनिक" के रूप में अधिकार दिए जाने के साथ-साथ सभी परिणामी लाभों की मांग की गई।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध किया गया था, जिसने सीनियर एडवोकेट डॉ. आदिश अग्रवाल (याचिकाकर्ताओं के लिए) से कहा कि इस मामले की सुनवाई एक अन्य लंबित मामले यानी भारत संघ बनाम मेजर जनरल (श्रीमती) उषा सिकदर के साथ की जाएगी।

    संक्षेप में कहें तो याचिकाकर्ता यह घोषणा चाहते हैं कि वे सेना अधिनियम, 1950 (और संबंधित विनियमों) के तहत सभी उद्देश्यों के लिए नियमित सेना का हिस्सा हैं। इसके अलावा, वे सेवा के दौरान और सेवा के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के नियमित कमीशन प्राप्त अधिकारियों के साथ समानता प्रदान करने की मांग करते हैं।

    याचिकाकर्ताओं ने प्रतिवादी-अधिकारियों के किसी भी आदेश, नीति या व्यवहार रद्द करने की भी मांग की, जो उन्हें भूतपूर्व सैनिकों की स्थिति और भारतीय सेना के नियमित कमीशन अधिकारियों के साथ समानता के "वैध अधिकार" से वंचित करते हैं। इसके अलावा, यह प्रार्थना की जाती है कि प्रतिवादी-अधिकारी वर्तमान मामला दायर करने के लिए उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक या दंडात्मक कदम न उठाएं।

    याचिका AoR अमीश अग्रवाल के माध्यम से दायर की गई।

    केस टाइटल: अर्चना कुमारी और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य, डायरी नंबर 16816-2025

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