रेजिडेंट डॉक्टरों के अमानवीय कार्य घंटों के खिलाफ याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NMC से जवाब मांगा
Shahadat
23 Aug 2025 10:21 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें देश भर में रेजिडेंट डॉक्टरों के "व्यवस्थित शोषण" को चुनौती दी गई।
याचिकाकर्ता ने 1992 की केंद्रीय अधिसूचना को लागू करने की मांग की, जो रेजिडेंट डॉक्टरों के कार्य घंटों को प्रतिदिन 12 घंटे और प्रति सप्ताह 48 घंटे तक सीमित करती है।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एनके सिंह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से जवाब मांगा।
अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में भारत के मेडिकल कॉलेजों और शिक्षण अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की मौजूदा कार्य स्थितियों को "अमानवीय" बताया गया। इसमें बताया गया कि 1985 के अखिल भारतीय डॉक्टर्स फोरम मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 5 जून, 1992 को जारी बाध्यकारी निर्देशों के बावजूद, रेजिडेंट डॉक्टरों से कानूनी रूप से निर्धारित घंटों से अधिक अक्सर प्रति सप्ताह 100 घंटे तक, काम करवाया जाता है।
देश भर में डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली रजिस्टर्ड संस्था UDF ने तर्क दिया कि ये उल्लंघन अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और सम्मान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हैं। इसने अनुच्छेद 41 और 47 के तहत राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का भी हवाला दिया, जो राज्य को मानवीय कार्य परिस्थितियों को सुनिश्चित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बाध्य करते हैं।
हालांकि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन विनियम, 2023 में "उचित कार्य घंटों" का उल्लेख है, UDF का कहना है कि उनमें ठोस सीमा या जवाबदेही तंत्र का अभाव है। यहां तक कि एम्स ने भी 2020 के एक ज्ञापन में अनुपालन सुनिश्चित किए बिना 1992 की सीमाओं को दोहराया।
याचिका में न्यायालय से निम्नलिखित निर्देश देने की मांग की गई:
सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों, सरकारी और निजी को 1992 की अधिसूचना का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया जाए, जिसमें रेजिडेंट डॉक्टरों के कार्य समय को प्रतिदिन 12 घंटे और प्रति सप्ताह 48 घंटे निर्धारित किया गया।
ऐसे ड्यूटी रोस्टर तैयार करना सुनिश्चित करें, जो पर्याप्त आराम प्रदान करें और डॉक्टरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करें।
Case : United Doctors Front (UDF) Regd v. Union of India and others | WRIT PETITION (CIVIL) Diary No(s). 21183/2025

