5 मार्च 2010 के बाद एआईसीटीई विनियमों के अनुसार तकनीकी संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

3 Feb 2021 5:53 AM GMT

  • 5 मार्च 2010 के बाद एआईसीटीई विनियमों के अनुसार तकनीकी संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट

    केरल हाईकोर्ट के एक फैसले को रद्द करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एआईसीटीई विनियमों के अनुसार 5.3.2010 के बाद सहायक प्रोफेसर के पद के लिए पीएचडी अनिवार्य है।

    ज‌स्ट‌िस संजय किशन कौल, दिनेश माहेश्वरी और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में असिस्टेंट प्रोफेसरों की ओर से दायर बारह याचिकाओं के एक बैच का निस्तार‌ित किया था। उन्हें आशंका थी कि पीएचडी डिग्री के अभाव में उन्हें पदावनत कर दिया जाएगा।

    एक दशक पुराने मुकदमे का समापन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है, "हम इस विचार से सहमत हैं कि एसोसिएट प्रोफेसर ( जिसे बाद में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नामित किया गया) के पद के लिए पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के लिए सात वर्ष का समय देने वाली 18.02.2003 की अधिसूचना 2010 में समाप्त हो जाएगी और इस प्रकार वे व्यक्ति जो बाद की तारीख में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करते हैं, वे केवल उसी तिथि से विचार के पात्र होंगे जब उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की हो।"

    ज‌स्ट‌िस कौल की अध्यक्षता वाली पीठ 03-12-2020 को दिए गए फैसले को चुनौती दे रही थी, जिसके तहत हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि केरल तकनीकी शिक्षा सेवा, 1967 (विशेष नियम) के विशेष नियमों के नियम 6A(ii) 5/3/2010 के बाद लागू नहीं है। 2003 में जोड़े गए उक्त नियम ने पीएचडी की डिग्री हासिल करने के लिए सात साल का समय दिया था।

    विशेष नियमों के नियम 6A (ii) के अनुसार, "असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पीएचडी डिग्री रखने से छूट दी गई है, लेकिन उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति पाने के सात साल के भीतर पीएचडी डिग्री हासिल करनी है, जैसा कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा निर्धारित किया गया है।"

    हाईकोर्ट में ज‌स्ट‌िस एएम शफीक़ और पी गोपीनाथ की खंडपीठ ने कहा, "नियम 6A (i) और 6A (ii) का 5-3-2010 से आगे कोई आवेदन नहीं है, जिस तिथि पर एआईसीटीई ने "वेतनमान, सेवा शर्तें और शिक्षक और अन्य शैक्षणिक स्टाफ के लिए योग्यताएं शैक्षणिक संस्थान डिग्री विनियम, 2010" जारी किया था। दूसरे शब्दों में, 5-03-2010 के बाद, प्रिंसिपल, प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर (बाद में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नामित पद) के पदों के लिए पीएचडी की योग्यता अनिवार्य है।"

    हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 309, केरल लोक सेवा अधिनियम, 1968 के साथ पढ़ें, प्रावधानों के तहत राज्य द्वारा निर्धारित केरल तकनीकी शिक्षा सेवा नियम योग्यता, नियुक्ति आदि के संबंध में एआईसीटीई के बनाए गए विनियमों के अधीन होगा और राज्य द्वारा बनाए गए नियम, केंद्रीय अधिनियम / विनियमों के प्रतिकूल होने की हद तक, शून्य और निष्क्रिय हैं। राज्य नियमों में किसी भी सक्षम नियम या विनियमन की अनुपस्थिति में भी एआईसीटीई विनियमों का पालन किया जाना चाहिए।

    वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरी ने याचिकाकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता वी चिताम्बरेश और कार्तिक एसडी प्रतिवादी की ओर से पेश हुए।

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