नई बॉम्बे हाईकोर्ट भूमि से संबंधित मामलों की सुनवाई केवल बॉम्बे हाईकोर्ट को ही करनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने अन्य न्यायालयों से मामले ट्रांसफर किए
Shahadat
9 April 2025 9:48 AM

बॉम्बे हाईकोर्ट के नए परिसर के लिए अतिरिक्त भूमि आवंटन के मुद्दे से जुड़े स्वत: संज्ञान मामले में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि 31 मार्च तक सौंपे जाने वाले 4.09 एकड़ क्षेत्र में से 1.94 एकड़ भूमि सौंप दी गई है और शेष (2.15 एकड़) 30 अप्रैल तक हस्तांतरित कर दी जाएगी।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और नए भवन के निर्माण के लिए भूमि का कब्जा सौंपने में तेजी लाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए इसे जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।
यह देखते हुए कि भूमि के शेष हिस्से पर कई कार्यवाही हो सकती हैं, जिससे इसके कब्जे के हस्तांतरण में देरी हो सकती है, खंडपीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष विषय वस्तु से संबंधित सभी कार्यवाही को समेकित करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा,
"[डॉ. सराफ] ने कहा कि 4.09 एकड़ क्षेत्र में से, जिसका कब्जा हाईकोर्ट के निर्माण के लिए सौंपा जाना था, 1.94 एकड़ क्षेत्र पहले ही सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि जहां तक शेष 2.15 एकड़ क्षेत्र का सवाल है, चूंकि वहां बड़ी संख्या में झुग्गी-झोपड़ियां हैं [...], झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास प्राधिकरण द्वारा प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि अप्रैल के अंत तक राज्य हाईकोर्ट के निर्माण के लिए उक्त भूमि का खाली कब्जा भी आवंटित करने की स्थिति में होगा।
...यह सूचित किया जाता है कि विषय वस्तु के संबंध में हाईकोर्ट के समक्ष 21 [मामले] लंबित हैं। इसलिए हम बॉम्बे हाईकोर्ट के माननीय चीफ जस्टिस से अनुरोध करते हैं कि वे उक्त मुद्दे के संबंध में पहले से लंबित सभी मामलों को एक ही पीठ को सौंप दें और जो भविष्य में दायर किए जा सकते हैं, जिससे उनका शीघ्रता से निर्णय लिया जा सके। हम आगे निर्देश देते हैं कि हाईकोर्ट को छोड़कर कोई अन्य न्यायालय, इस मुद्दे से संबंधित किसी भी मुद्दे के संबंध में कोई अन्य कार्यवाही नहीं करेगा। [...] हाईकोर्ट का निर्माण।
जस्टिस गवई ने कहा कि यदि ऐसी कोई कार्यवाही किसी न्यायालय या न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित है तो उसे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया जाता है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल डॉ. बीरेंद्र सराफ की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया गया, जिन्होंने बताया कि 5.25 एकड़ भूमि, जिसे 31 दिसंबर, 2024 तक सौंप दिया जाना था, जनवरी के अंत तक सौंप दी गई। इसके बाद सौंपे जाने वाली अगली किश्त (31 मार्च तक) 4.09 एकड़ भूमि की थी, जिसमें से 1.94 एकड़ भूमि सौंप दी गई। शेष 2.15 एकड़ के लिए अप्रैल के अंत तक का समय दिया जा सकता है, क्योंकि विषय क्षेत्र में कई झुग्गी बस्तियां हैं और झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण ध्वस्तीकरण आदि की दिशा में कदम उठा रहा है।
एडवोकेट जनरल ने न्यायालय को यह भी अवगत कराया कि अभी तक कुल 11.58 एकड़ भूमि सौंप दी गई है।
केस टाइटल: बॉम्बे हाईकोर्ट की विरासत इमारत के संबंध में उच्च न्यायालय के लिए अतिरिक्त भूमि का आवंटन और आवंटन, एस.एम.डब्लू. (सी) संख्या 5/2024