सुप्रीम कोर्ट ने NOIDA मुआवज़ा घोटाले की जांच पूरी करने के लिए SIT को दो महीने का अतिरिक्त समय दिया
Praveen Mishra
10 Dec 2025 5:15 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आज नोएडा में ज़मीन मालिकों को कथित रूप से अत्यधिक मुआवज़ा देने के मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) को जांच पूरी करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय दे दिया।
सीजेआई सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भूयां और जस्टिस एन.के. सिंह की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने पहले एक NOIDA कानून अधिकारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए SIT जांच का आदेश दिया था, क्योंकि आरोप थे कि कुछ ज़मीन मालिकों को उनकी पात्रता से अधिक मुआवज़ा दिया गया और इसमें अधिकारियों की मिलीभगत थी।
आज, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नोएडा प्राधिकरण का पक्ष रखते हुए काउंटर हलफ़नामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट को बताया गया कि SIT ने अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर दी है और जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया है।
CJI ने कहा—“उन्हें 2 महीने में जांच पूरी करने को कहिए; वे 3 महीने मांग रहे हैं। पहले भी पर्याप्त समय दिया जा चुका है।”
किसानों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि किसानों को संरक्षण देने वाला पहले का आदेश SIT गठन वाले आदेश में दर्ज नहीं है। इस पर CJI ने स्पष्ट किया कि किसानों की सुरक्षा जारी रहेगी, पर साथ ही कहा—
“यदि भुगतान गलती से हुआ है, तो कानून के अनुसार आपको संरक्षण मिलेगा। SIT को सब कुछ जांचने की पूरी स्वतंत्रता होगी।”
इसके बाद कोर्ट ने SIT को 2 महीने का अतिरिक्त समय, और किसानों को दी गई अंतरिम सुरक्षा जारी रखने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि SIT की 26.10.2025 की स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड पर ली जाती है और अब से दो महीने के भीतर नई रिपोर्ट दाखिल की जाए।
13 अगस्त को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य निर्देश:
1. यूपी डीजीपी 3 आईपीएस अधिकारियों की SIT बनाए, जो पिछले SIT द्वारा पहचाने गए मुद्दे 3 और 4 की जांच करेगी।
2. SIT तुरंत प्रारंभिक जांच (Preliminary Enquiry) दर्ज करे और फॉरेंसिक विशेषज्ञों व आर्थिक अपराध शाखा को शामिल करे।
3. यदि प्रारंभिक जांच में संज्ञेय अपराध का आधार मिले, तो SIT FIR दर्ज करे और आगे की जांच करे।
4. SIT प्रमुख (कमिश्नर रैंक से कम नहीं) अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे।
5. NOIDA में पारदर्शिता लाने के लिए SIT रिपोर्ट यूपी मुख्य सचिव को भेजी जाए, जो इसे मंत्रिमंडल के सामने रखें।
नोएडा में एक मुख्य सतर्कता अधिकारी (IPS या CAG से प्रतिनियुक्त) नियुक्त किया जाए।
4 हफ्तों में नागरिक सलाहकार बोर्ड बनाया जाए।
NOIDA में कोई भी परियोजना बिना EIA और सुप्रीम कोर्ट की ग्रीन बेंच की मंज़ूरी के शुरू न हो।
6. PC Act के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए किसी अधिकारी के खिलाफ अनुमति की आवश्यकता हो तो सक्षम प्राधिकारी 2 सप्ताह में स्वीकृति दे।

