'सीएए से राज्य का कोई कानूनी अधिकार प्रभावित नहीं हो रहा': केरल के एंटी-सीएए मुकदमे के खिलाफ राज्य के पूर्व बीजेपी चीफ ने दायर किया आवेदन

LiveLaw News Network

17 Jan 2020 7:49 AM GMT

  • सीएए से राज्य का कोई कानूनी अधिकार प्रभावित नहीं हो रहा: केरल के एंटी-सीएए मुकदमे के खिलाफ राज्य के पूर्व बीजेपी चीफ ने दायर किया आवेदन

    नागरिकता संशोधन कानून 2019 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर केरल राज्य के मुकदमे की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए केरल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मानम राजशेखरन ने सुप्रीम कोर्ट में एक अभियोजन आवेदन दायर किया है।

    आवेदन यह कहते हुए दायर किया गया है कि सीएए राज्य के किसी भी "कानूनी अधिकार" को प्रभावित नहीं करता है। इसलिए, कोई ऐसा 'कानूनी विवाद' नहीं है कि संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत उच्चतम न्यायालय के मूल और अनन्य क्षेत्राधिकार की सहायता ली जाए।

    आवेदन में कहा गया है कि मामले में एक ही विवाद है कि ये एक 'राजनीतिक विवाद' है।

    आवेदन में यह भी कहा गया है कि राज्य की वाम मोर्चा सरकार ने राज्य के राज्यपाल से परामर्श किए बिना मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया था। उल्‍लेखनीय है कि राज्य के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने खुले तौर पर कानून के पक्ष में अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं।

    आवेदन में आगे आरोप लगाया गया है कि राज्य के निवासियों की बहुमत की इच्छा का पता लगाए बिना मुकदमा दायर किया गया है। आवेदन में दावा किया गया है कि राज्य के अधिकांश लोग कानून का समर्थन कर रहे हैं।

    आवेदन में कहा गया है कि आवेदक, राज्य के निवासी होने के नाते, सरकारी खजाने की बड़ी रकम खर्चकर मुकदमा दायर करने की कैबिनेट की कार्रवाई से गंभीर रूप से असंतुष्ट हैं।

    आवेदन में आगे कहा गया है कि इस 'मिसएडवेंचर' में शामिल पूरे खर्च को मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट से वसूल किया जाना चाहिए।

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