पहलगाम पहले पर पोस्ट मामले में नेहा राठौर को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका की खारिज
Praveen Mishra
13 Oct 2025 4:51 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आज (13 अक्टूबर) उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ पहलगाम आतंकवादी हमले पर उनके कथित 'उत्तेजक' सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर दर्ज FIR को खारिज करने से इंकार कर दिया। उनके खिलाफ कई धाराओं में अपराध दर्ज हैं, जिनमें "भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना" शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से भी इंकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मामले की जांच आवश्यक है। जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता कुछ धाराओं, जैसे "भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने" से जुड़ी आपराधिक धाराओं को चार्ज शीट के समय चुनौती दे सकती हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी भी दलील पर कोई राय नहीं दी गई है, केवल याचिका को खारिज किया गया है और याचिकाकर्ता को ट्रायल का सामना करना होगा।
सीनियर एडवोकेट कपिल सिबल ने नेहा सिंह राठौर की ओर से तर्क दिया कि किसी पोस्ट के लिए उन्हें 'बगावत' जैसे गंभीर आरोप में क्यों फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "मैं बगावत के लिए ट्रायल नहीं हो सकती। कोई अपराध नहीं हुआ। मैं कुछ धाराओं के खिलाफ चार्ज शीट को खारिज करने की मांग कर रही हूँ, अन्य मामलों में ट्रायल का सामना करूंगी।"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये दलीलें चार्ज शीट तैयार होने के समय उठाई जा सकती हैं। सिबल ने हाई कोर्ट में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति मांगी, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया: "इस समय हम सेक्शन 159, 152, 196(1), 197(1)(b)(c) BNS के तहत दलीलों पर विचार नहीं कर रहे हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता को चार्ज शीट के समय या डिस्चार्ज के लिए कोर्ट के सामने यह मुद्दा उठाने की स्वतंत्रता है। हम स्पष्ट करते हैं कि मामले की मेरिट पर कोई राय नहीं दी गई है।"
इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ, जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस सैयद क़मर हसन रिज़वी ने नोट किया कि FIR और अन्य साक्ष्यों से प्राइम फेस में आपराधिक मामला बनता है और जांच की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कथित सोशल मीडिया पोस्ट में भारत के प्रधानमंत्री का नाम अपमानजनक तरीके से लिया गया और गृह मंत्री को भी निशाना बनाया गया।
FIR 27 अप्रैल 2025 को लखनऊ के हज़रतगंज थाना में दर्ज की गई थी। इसमें राठौर पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं (196, 197, 302, 152, 353) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 की धारा 69A के तहत आरोप हैं। बाद में 152 और 159 BNS धाराएँ भी जोड़ी गईं।

