NEET : सुप्रीम कोर्ट ने गलत प्रश्न के लिए ग्रेस मार्क्स देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

Shahadat

18 Nov 2022 8:51 AM GMT

  • NEET : सुप्रीम कोर्ट ने गलत प्रश्न के लिए ग्रेस मार्क्स देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें परीक्षण एजेंसी द्वारा गलत उत्तर प्रदान किए गए प्रश्न के लिए अनुसूचित जाति श्रेणी से संबंधित असफल नीट उम्मीदवार को चार अनुग्रह अंक दिए गए थे। माना जाता है कि 93 के कट-ऑफ के मुकाबले 92 अंक प्राप्त करने वाले ने इस डर से विशेष प्रश्न का प्रयास नहीं किया कि उसे नकारात्मक अंक मिल सकते हैं।

    हालांकि, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के समक्ष अपील बुरी तरह से खारिज कर दिए जाने के बाद पीड़ित उम्मीदवार को राहत देते हुए अक्टूबर में एक्टिंग चीफ जस्टिस टी. राजा के नेतृत्व में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि उसे निर्धारित कट-ऑफ के लिए सक्षम करने के लिए अतिरिक्त अंक दिए जाएं।

    हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा,

    "एनटीए राज्य का साधन होने के नाते अपीलकर्ता को चार अंक देने से इनकार नहीं कर सकता है, जो समाज के कमजोर वर्ग से संबंधित है।"

    हाईकोर्ट के निर्देश को चुनौती देते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ के समक्ष नीट की ओर से पेश भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस आधार पर हाईकोर्ट के आदेश का विरोध किया कि याचिकाकर्ता ने संबंधित प्रश्न का प्रयास नहीं किया।

    सॉलिसिटर-जनरल ने कहा,

    "अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो इसका व्यापक प्रभाव होगा।"

    खंडपीठ ने कहा,

    "याचिकाकर्ता ने 10 प्रश्नों के मुकाबले धारा बी से दो प्रश्नों का प्रयास किया। वास्तव में प्रश्न संख्या 97 का प्रयास नहीं किया। इसलिए प्रथम दृष्टया यह प्रस्तुत किया जा रहा है कि वह हाईकोर्ट द्वारा दिए गए अनुग्रह चिह्नों का लाभ हकदार नहीं है। नोटिस जारी करें। दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर किया जाए। आगे के आदेश लंबित होने पर हाईकोर्ट के आक्षेपित निर्णय पर रोक रहेगी।"

    प्रतिवादी के वकील ने अनुरोध किया कि उम्मीदवार को काउंसलिंग राउंड में भाग लेने की अनुमति दी जाए।

    पीड़ित याचिकाकर्ता के लिए अपवाद संलग्न करने से अनिच्छुक चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा,

    "हम आपको काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति कैसे देंगे? यदि वे कट-ऑफ कम करते हैं तो आप भाग ले सकते हैं। यदि हम आपको 92 अंकों के साथ काउंसलिंग में उपस्थित होने की अनुमति देते हैं तो अन्य छात्र हैं, जो एससी, ओबीसी उम्मीदवार भी हैं, जिन्हें अनुमति दी जानी चाहिए। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।"

    केस टाइटल- नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाम टी. उदयकुमार व अन्य। [एसएलपी (सी) नंबर 20361/2022]

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