NEET-PG : चंडीगढ़ यूटी कोटा को अखिल भारतीय कोटा में बदलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Shahadat

26 Jun 2025 6:10 AM

  • NEET-PG : चंडीगढ़ यूटी कोटा को अखिल भारतीय कोटा में बदलने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

    चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश कोटा सीटों को अखिल भारतीय कोटा सीटों में बदलने के फैसले पर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना ​​याचिका दायर की गई, जो तन्वी बहल बनाम श्रेय गोयल के फैसले का उल्लंघन है।

    तन्वी बहल बनाम श्रेय गोयल में न्यायालय ने माना कि पीजी मेडिकल सीटों में निवास-आधारित आरक्षण अस्वीकार्य है, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

    जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की और इसे उचित पीठ (तन्वी बहल निर्णय पारित करने वाले जजों से मिलकर) के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई के समक्ष रखा।

    जस्टिस विश्वनाथन ने कहा,

    "हम कुछ नहीं कर सकते। यह उचित ही है कि अवमानना ​​होने के कारण यह उसी जज के पास जाए, जो 7 जून को बैठे हैं। अब एडमिशन समाप्त हो चुके हैं, यदि उल्लंघन होता है तो उन्हें उलट दिया जा सकता है।"

    संक्षेप में मामला

    इस वर्ष जनवरी में जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने तन्वी बहल मामले में फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया कि राज्य कोटे के भीतर पीजी मेडिकल कोर्स में एडमिशन में निवास-आधारित आरक्षण संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य है। न्यायालय ने कहा कि केवल संस्थागत वरीयता के लिए सीमित सीमा तक आरक्षण की अनुमति है। यह भी कहा गया कि राज्य कोटे की सीटें NEET परीक्षा में योग्यता के आधार पर भरी जाएंगी।

    न्यायालय ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील में फैसला सुनाया, जिसने चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पीजी मेडिकल कोर्स में निवास-आधारित आरक्षण को खारिज कर दिया था।

    इस महीने की शुरुआत में तन्वी बहल के फैसले की अवमानना ​​का आरोप लगाते हुए वर्तमान याचिका दायर की गई थी।

    हाल ही में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से AoR जगजीत सिंह छाबड़ा पेश हुए और कहा कि तन्वी बहल मामले में आए फैसले के बाद शुरू में 09.04.2025 को सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि चंडीगढ़ में केंद्र शासित प्रदेश पूल राज्य कोटे की तीसरी राज्य काउंसलिंग के लिए सभी शेष सीटों को NEET-PG 2024 में प्राप्त रैंक के आधार पर सत्र 2024-2025 के लिए राज्य कोटा सीटों के संस्थागत वरीयता पूल के माध्यम से परिवर्तित और भरा जाएगा।

    हालांकि, बाद में 03.06.2025 को एक और नोटिस जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि सीटें नए आवेदन आमंत्रित करके अखिल भारतीय NEET-PG 2024 के माध्यम से अखिल भारतीय आधार पर भरी जाएंगी। वकील ने तर्क दिया कि राज्य कोटे से एक भी सीट अखिल भारतीय कोटे में नहीं दी जा सकती।

    केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे ने कहा कि तन्वी बहल मामले में फैसले की कोई अवमानना ​​नहीं हुई। एएसजी ने तर्क दिया कि हालांकि तन्वी बहल मामले में डोमिसाइल स्टेट कोटा रद्द कर दिया गया था, लेकिन फैसले में यह निर्धारित नहीं किया गया कि 25% सीटें कैसे भरी जाएंगी।

    उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि विचाराधीन सीटें पहले ही भर चुकी हैं और जिन स्टूडेंट्स को अखिल भारतीय कोटे के तहत सीटें आवंटित की गईं, वे वर्तमान में अपनी मार्कशीट जमा कर रहे हैं।

    अंततः, मामला सीजेआई के समक्ष रखा गया।

    Case Title: TANVI AND ORS. Versus A.K. ATRI AND ANR., Diary No. 33610-2025

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