Muzaffarnagar Student Slapping Case | सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पीड़ित लड़के की पढ़ाई पूरी होने तक उसकी पढ़ाई का खर्च उठाने को कहा

Shahadat

14 May 2025 9:08 PM IST

  • Muzaffarnagar Student Slapping Case | सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पीड़ित लड़के की पढ़ाई पूरी होने तक उसकी पढ़ाई का खर्च उठाने को कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पुष्टि की कि उत्तर प्रदेश सरकार 2023 के मुजफ्फरनगर छात्र थप्पड़ कांड के पीड़ित नाबालिग लड़के की पढ़ाई का खर्च उठाने की प्राथमिक जिम्मेदारी वहन करती है।

    जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि राज्य को बच्चे की स्कूली शिक्षा पूरी होने तक ट्यूशन फीस, यूनिफॉर्म, किताबों और परिवहन शुल्क का खर्च उठाना चाहिए।

    न्यायालय ने कहा,

    "हम यह स्पष्ट करते हैं कि जैसा कि हमारे पिछले आदेशों में संकेत दिया गया, बच्चे की स्कूली शिक्षा पूरी होने तक ट्यूशन फीस, यूनिफॉर्म, किताबों आदि की लागत और परिवहन शुल्क का भुगतान करना राज्य सरकार का दायित्व है।"

    न्यायालय मुजफ्फरनगर छात्र को थप्पड़ मारने के मामले और शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) के क्रियान्वयन के संबंध में कार्यकर्ता तुषार गांधी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

    यह जनहित याचिका अगस्त, 2023 में हुई एक घटना के बाद उठी, जिसमें एक वीडियो में एक स्कूल शिक्षिका तृप्ता त्यागी को अन्य स्टूडेंट्स को सात वर्षीय मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने का निर्देश देते हुए और उसके धर्म के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए दिखाया गया था।

    न्यायालय ने कहा कि धर्मार्थ संगठन या संस्थाएं सहायता प्रदान कर सकती हैं, लेकिन अंतिम जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

    न्यायालय ने कहा,

    “उपर्युक्त राशि के भुगतान के लिए किसी धर्मार्थ ट्रस्ट या धर्मार्थ संस्था की सहायता लेना राज्य का काम है। हम फिर से स्पष्ट करते हैं कि इस व्यय को वहन करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य की है। राज्य के लिए यह भी खुला होगा कि वह स्कूल अधिकारियों को खर्च वहन करने के लिए राजी करे।”

    10 नवंबर, 2023 को राज्य ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि बच्चे का मुजफ्फरनगर के किसी अन्य निजी स्कूल में दाखिला कराया जाएगा और सभी शैक्षणिक खर्च उचित राज्य योजना के तहत वहन किए जाएंगे।

    सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट शादान फरासत ने कहा कि बच्चे की पिछले सेमेस्टर की ट्यूशन फीस का भुगतान अभी तक नहीं किया गया, यूनिफॉर्म का पैसा बकाया है और परिवहन शुल्क का भुगतान केवल दो दिन पहले ही किया गया।

    फरासत ने न्यायालय से यह निर्देश देने का आग्रह किया कि भुगतान सीधे स्कूल को किया जाए, न कि बच्चे या उसके पिता के माध्यम से। उन्होंने कहा कि किसान होने के कारण परिवार वित्तीय बोझ नहीं उठा सकता और उसे बार-बार शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।

    राज्य की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कहा कि धर्मार्थ ट्रस्ट पहले ही आगे आया है और उसने कपड़े उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट चालू वर्ष के लिए सीधे स्कूल को फीस का भुगतान करेगा।

    जस्टिस ओक ने कहा,

    "लेकिन यह केवल एक वर्ष के लिए है। हम स्पष्ट करेंगे कि यदि ट्रस्ट भुगतान नहीं करता है तो राज्य को भुगतान करना होगा।"

    12 दिसंबर, 2024 को न्यायालय ने स्टूडेंट्स में समानता, धर्मनिरपेक्षता और बंधुत्व जैसे संवैधानिक मूल्यों को विकसित करने के महत्व को रेखांकित करते हुए व्यापक निर्देश जारी किए। इसने देखा कि RTE Act के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य इन मूल्यों को विकसित करने के प्रयासों के बिना पूरा नहीं हो सकता। न्यायालय ने उस तिथि को निर्देश दिया कि सभी स्कूलों को RTE Act की धारा 17(1) के तहत शिकायत निवारण तंत्र के बारे में सूचित किया जाना चाहिए, जो बच्चों के शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न को प्रतिबंधित करता है।

    न्यायालय ने बताया कि यद्यपि राज्य ने शिकायत निवारण तंत्र होने का दावा किया, लेकिन इसने अभिभावकों को उनकी उपलब्धता के बारे में पर्याप्त रूप से सूचित नहीं किया, जिससे वे व्यवहार में अप्रभावी हो गए। राज्य सरकार ने विशेष सचिव यतींद्र कुमार द्वारा दायर हलफनामे में RTE Act की धारा 17(1) के उल्लंघन के लिए शिकायत तंत्र के संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए संचार को संलग्न किया।

    सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह उत्तर प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को यह सूचना भेजे और स्कूल अधिकारियों को निर्देश दे कि वे अभिभावकों को इस बारे में सूचित करें। कोर्ट ने कहा कि इससे शिकायत तंत्र के बारे में जन जागरूकता के बारे में पहले दिए गए निर्देश पूरे होंगे।

    केस टाइटल- तुषार गांधी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य

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