केवल कुछ असाधारण सावधानी बरतकर टक्कर से नहीं बच पाना अंशदायी लापरवाही नहीं: सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

13 Oct 2021 11:21 AM GMT

  • केवल कुछ असाधारण सावधानी बरतकर टक्कर से नहीं बच पाना अंशदायी लापरवाही नहीं: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ असाधारण सावधानी बरतकर टक्कर से नहीं बच पाना अपने आप में लापरवाही नहीं है।

    जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा, अंशदायी लापरवाही को स्थापित करने के लिए, कुछ कार्य या चूक, जिसने दुर्घटना या क्षति में योगदान दिया है, के लिए उस व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, जिसके खिलाफ यह आरोप लगाया गया है।

    इस मामले में हाईकोर्ट ने एक मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावे में अंशदायी लापरवाही की जांच को बरकरार रखते हुए कहा कि यदि कार का मृत चालक सतर्क होता और यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन को सावधानी से चलाता तो दुर्घटना नहीं होती।

    अपील में इन टिप्पणियों को चुनौती दी गई थी। अदालत ने अपीलकर्ता के साथ सहमति व्यक्त की कि ये निष्कर्ष किसी सबूत पर आधारित नहीं हैं क्योंकि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे यह संकेत मिले कि कार का चालक मध्यम गति से गाड़ी नहीं चला रहा था और उसने यातायात नियमों का पालन नहीं किया था।

    "13. इसलिए, मुद्दा नंबर एक पर हाईकोर्ट का पूरा तर्क अतंर्निहित अंतर्विरोधों से भरा हुआ है। अंशदायी लापरवाही को स्थापित करने के लिए, कुछ कार्य या चूक, जिसने दुर्घटना या क्षति के लिए भौतिक रूप से योगदान दिया, के लिए उस व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए जिसके खिलाफ आरोप है। प्रमोद कुमार रसिक भाई झावेरी बनाम 8 कर्मसे कुनवरगी टाक और अन्य में इस न्यायालय ने एस्टले बनाम ऑस्ट्रस्ट लिमिटेड में ऑस्ट्रेलिया हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि "... जहां, उनकी लापरवाही से, एक पक्ष दूसरे को खतरे की स्थिति में डालता है, जो उस दूसरे को खुद को निकालने के लिए जल्दी से कार्य करने के लिए मजबूर करता है, यह अंशदायी लापरवाही के बराबर नहीं है...। वास्तव में स्वैडलिंग बनाम कूपर में कानून का बयान कि"... कुछ असाधारण सावधानी बरतकर टक्कर से न बचने पाना अपने आप में लापरवाही नहीं है ...", इसे मौजूदा न्यायालय ने अनुमोदन के साथ उद्धृत किया था।

    इसलिए अदालत ने अंशदायी लापरवाही के सवाल पर ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट के निष्कर्ष को उलट दिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने 17,34,156 रुपये मुआवजे के तौर पर दिए थे। अपील की अनुमति देते हुए, अदालत ने दावेदारों को 50,89,960 रुपये का मुआवजा दिया।

    केस शीर्षक और उद्धरण: के अनुषा बनाम क्षेत्रीय प्रबंधक, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एलएल 2021 एससी 571

    Case no. and Date : CA 6237 OF 2021 | 6 October 2021

    कोरम: ज‌स्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम


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