देशभर में लंबित मामलों के निपटारे के लिए 1 जुलाई से शुरू होगा 'Mediation For Nation' अभियान
Shahadat
27 Jun 2025 10:40 AM IST

'राष्ट्र के लिए मध्यस्थता' (Mediation For Nation) टाइटल से 90 दिनों का अखिल भारतीय मध्यस्थता अभियान 1 जुलाई, 2025 को शुरू होगा और 30 सितंबर, 2025 तक जारी रहेगा।
NALSA और MCPC की ओर से जारी संयुक्त प्रेस रिलीज में कहा गया कि लंबित मामलों के निपटारे और लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए पूरे भारत में मध्यस्थता 'राष्ट्र के लिए' अभियान शुरू किया जा रहा है कि विवाद समाधान के लिए मध्यस्थता एक ऐसा तंत्र है जो लोगों के लिए अनुकूल, लागत प्रभावी और त्वरित है, जिससे रिश्तों, समय और धन की बचत होती है।
इस अभियान की प्रस्तावना चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस सूर्यकांत के मार्गदर्शन में की गई, जो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) और मध्यस्थता और सुलह परियोजना समिति (MCPC) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
प्रेस रिलीज में कहा गया,
"यह विशेष अखिल भारतीय मध्यस्थता अभियान 1.7.2025 से शुरू होगा और यह 30.9.2025 तक जारी रहेगा। इसका उद्देश्य तालुका न्यायालयों से लेकर भारत के हाईकोर्ट तक न्यायालयों में लंबित उपयुक्त मामलों का निपटारा करना और विवाद समाधान के जन-हितैषी तरीके के रूप में मध्यस्थता को देश के कोने-कोने तक ले जाना है।"
यह अभियान वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा मामले, चेक बाउंस मामले, वाणिज्यिक विवाद, सेवा मामले, समझौता योग्य आपराधिक मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली मामले, विभाजन मुकदमे, बेदखली मामले, भूमि अधिग्रहण विवाद और मध्यस्थता के लिए उपयुक्त समझे जाने वाले अन्य दीवानी मामलों सहित कई श्रेणियों के मामलों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
1 जुलाई से 31 जुलाई, 2025 तक न्यायालय कारण सूची में "विशेष मध्यस्थता अभियान के लिए रेफरल के लिए" टाइटल के तहत पात्र मामलों की पहचान और सूची बनाएंगे। इस अवधि के दौरान निपटान की कोई संभावना दिखाने वाले मामलों को मध्यस्थता के लिए भेजा जाएगा।
उपयुक्त मामलों की पहचान करने, पक्षों को सूचित करने और उन्हें मध्यस्थों के पास भेजने की प्रक्रिया जुलाई 2025 तक चलेगी। मध्यस्थता के माध्यम से निपटाए गए मामलों की संख्या का डेटा निर्दिष्ट तिथियों पर प्रेषित किया जाएगा: 4, 11, 18, 25 अगस्त और 1, 8, 15 और 22 सितंबर, 2025। संदर्भित और निपटाए गए कुल मामलों का अंतिम संकलन 6 अक्टूबर, 2025 तक पूरा हो जाएगा और MCPC को प्रस्तुत किया जाएगा।
अभियान में सभी मौजूदा मध्यस्थ शामिल होंगे, जिनमें वे भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में 40 घंटे की मध्यस्थता प्रशिक्षण पूरा किया है। पक्षों की सुविधा के अनुसार पूरे सप्ताह मध्यस्थता सत्र आयोजित किए जाएंगे। पहुंच बढ़ाने के लिए मध्यस्थता भौतिक, ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएगी।
आगे कहा गया,
“अभियान में सप्ताह के सभी 7 दिनों में पक्षकारों की सुविधा के अनुसार मध्यस्थता निपटान प्रयास किए जाएंगे। इस विशेष अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मध्यस्थता पूरी तरह से ऑफ़लाइन, भौतिक मोड में पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में या हाइब्रिड मोड में आयोजित की जा सकती है। तालुका या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऑनलाइन मध्यस्थता की सुविधा प्रदान करेगा।”
प्रत्येक हाईकोर्ट की मध्यस्थता निगरानी समिति अपने-अपने राज्य में अभियान की निगरानी करेगी। जहां आवश्यक हो, मध्यस्थ परामर्शदाताओं या विषय विशेषज्ञों की सहायता ले सकते हैं।
इसके अलावा, अभियान के विभिन्न पहलुओं, जिसमें इसका समग्र प्रभाव भी शामिल है, पर राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल द्वारा चयनित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के सहयोग से एक विस्तृत अध्ययन प्रस्तावित किया गया।