मैनुअल सीवर क्लीनर की मौत: मुआवजे के दावे पर विचार न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव को तलब किया
Shahadat
26 April 2025 12:22 PM

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के लिए तलब किया, क्योंकि कोर्ट ने पाया कि हरियाणा सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करने में विफल रही है। कोर्ट के इस आदेश में उन्हें 30 लाख रुपये के मुआवजे के लिए याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था, जिसके पति की सीवर टैंक की सफाई करते समय जहरीली गैस की वजह से मृत्यु हो गई थी।
दो याचिकाकर्ताओं ने क्रमशः 2021 और 2022 में सीवर की सफाई करते समय जहरीली गैस की वजह से अपने पति की मृत्यु के बाद क्रमशः दिल्ली और हरियाणा सरकार के खिलाफ अनुच्छेद 32 याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 2023 बलराम सिंह बनाम भारत संघ और अन्य के फैसले के अनुसार 30 लाख रुपये का मुआवजा और मुआवजे को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने की मांग की थी।
न्यायालय ने माना कि दोनों याचिकाकर्ताओं ने पहले ही दिल्ली और हरियाणा सरकार को अपना पक्ष रखा था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसलिए 3 जनवरी को इसने दोनों सरकारों को 202 के फैसले के अनुसार 4 सप्ताह के भीतर अपने मामले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं में से एक ने 6 जनवरी को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को अपना पक्ष रखा। हालांकि, कोई जवाब नहीं मिला।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ ने इस संदर्भ में अब कहा कि हरियाणा राज्य ने न तो न्यायालय के आदेश पर ध्यान दिया और न ही याचिकाकर्ता द्वारा अपने वकील के माध्यम से दायर किए गए प्रतिवेदन पर।
इस संबंध में न्यायालय ने मुख्य सचिव को 9 मई को तलब किया।
न्यायालय ने कहा,
"मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ अगली सुनवाई की तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें ताकि हमें यह समझाया जा सके कि हमारे आदेश पर विचार क्यों नहीं किया गया और किस तरह से 6-1-2025 के प्रतिवेदन (सरकार द्वारा 9-1-2025 को प्राप्त) पर विचार किया गया।"
केस टाइटल: आशा बनाम हरियाणा राज्य, रिट याचिका(याचिकाएँ)(सिविल) संख्या. 368/2025