"ये अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता": मणिपुर हिंसा में बीरेन सिंह की भूमिका वाले टेप्स की फोरेंसिक रिपोर्ट में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराज़गी
Praveen Mishra
4 Aug 2025 4:10 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने आज (4 अगस्त) सवाल उठाया कि मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय हिंसा से कथित रूप से जोड़ने वाले ऑडियो क्लिप्स की नई फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं सौंपी गई, जबकि कोर्ट ने इसके लिए तीन महीने पहले आदेश दिया था।
अप्रैल में तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने, कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए, केंद्रीय FSL की रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए नई FSL रिपोर्ट मांगी थी। याचिका में कथित तौर पर बीरेन सिंह की आवाज़ वाले लीक हुए ऑडियो क्लिप्स की कोर्ट-निगरानी में जांच की मांग की गई थी।
आज जब जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई, तो याचिकाकर्ता संगठन की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि इन रिकॉर्डिंग्स को सामने आए एक साल हो चुका है। सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति संजय कुमार ने केंद्र सरकार से पूछा –
"हमने ताजा फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी, क्या हुआ उसका?"
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से पेश एक वकील ने 2 हफ्ते का समय मांगा। इस पर जस्टिस कुमार ने नाराज़गी जताते हुए कहा –
"फोरेंसिक रिपोर्ट का क्या हुआ? अब तक तो वो आ जानी चाहिए थी। यह आदेश मई 2025 में दिया गया था, अब तीन महीने बीत चुके हैं। लैब ने रिपोर्ट दी या नहीं, इतना तो बताइए।"
जब वकील ने जवाब दिया कि रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है, तो जस्टिस कुमार ने देरी पर सवाल उठाया –
"FSL को आवाज की जांच कर रिपोर्ट देने में कितना समय लगता है? यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता। हम इसे अगली सुनवाई तक टालते हैं।"
बाद में यह मामला इसलिए आगे नहीं बढ़ पाया क्योंकि सॉलिसिटर जनरल पेश नहीं हो सके।
इससे पहले, फरवरी में कोर्ट ने केंद्रीय FSL से ऑडियो टेप्स की रिपोर्ट मांगी थी। तब याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया था कि एक निजी फोरेंसिक लैब "ट्रूथ लैब्स" ने टेप्स को प्रामाणिक (authentic) बताया है।
गौरतलब है कि फरवरी में मणिपुर में करीब दो साल से चल रही जातीय हिंसा के बाद राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। राष्ट्रपति शासन की घोषणा से कुछ दिन पहले ही बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इससे पहले, तत्कालीन चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से ऑडियो क्लिप्स की प्रामाणिकता से जुड़े साक्ष्य पेश करने को कहा था, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने ट्रूथ लैब की रिपोर्ट सौंपी थी।

