LiveLaw का 10वां स्‍थापना वर्षः क्रांतिकारी कानूनी पत्रकारिता का एक दशक

Avanish Pathak

13 Jun 2023 7:18 AM GMT

  • LiveLaw का 10वां स्‍थापना वर्षः क्रांतिकारी कानूनी पत्रकारिता का एक दशक

    LiveLaw आज अपना 10वां स्‍थापना दिवस मना रहा है।

    किसी भी माता-पिता के लिए रोमांचकारी अनुभव होता है, जब वे अपने बच्चे को अपनी उदार अपेक्षाओं से अध‌िक उपलब्धि हासिल करते हुए देखते हैं। जब हम LiveLaw के पिछले दस वर्षों की वृद्धि को देखते हैं तो ऐसी ही भावना हमारे मन में भी व्याप्त हो जाती है।

    ठीक दस साल पहले 13 जून 2013 को Livelaw की स्‍थापना की गई थी। यह अदालतों के जटिल फैसलों को सरल बनाकर पाठकों के समक्ष परोसने का बहुत ही साधारण प्रयास था।

    धीरे-धीरे, हमने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाहियों की रिपोर्टिंग करने की शुरुआत की। उसके बाद अगले महत्वपूर्ण कदम लाइव ट्वीट्स और लाइव अपडेट्स थे, जिनके जर‌िए अदालत की कार्यवाहियों की रीयल-टाइम रिपोर्टिंग शुरू हुई।

    उसके बाद कदम-दर-कदम हमने नए मील के पत्‍थरों को नापना शुरु किया। देश की विभिन्न हाईकोर्ट्स और तमाम न्यायाधिकरणों की सुनवाइयों और निर्णयों को रिपोर्ट करना शुरू किया।

    ‌बीते 10 वर्षों के अथक प्रयासों का नतीजा यह है कि LiveLaw उन सभी के लिए अपरिहार्य हो चुका है, जो अदालतों और कानून के बारे में जानना चाहते हैं। हमारे लिए यह बहुत ही संतोषजनक है कि हम उन लाखों पाठकों का भरोसा हासिल करने में सफल रहे हैं, जो कानून और अदालतों की ख़बरों की खोजबीन करते रहते हैं।

    हम सबसे अधिक पढ़े जाने वाले कानूनी समाचार पोर्टल हैं और हमारे पाठकों में जज, वकील, कानून के छात्र, न्यायपालिका के उम्मीदवार, सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवार, पत्रकार और अनगिनत आम लोग शामिल हैं।

    हमने सबसे तेज और सबसे सटीक कानूनी समाचार पोर्टल के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। उल्लेखनीय पहलू यह है कि हमारी ग्रोथ पूरी तरह से 'ऑर्गेनिक' है, जिसमें केवल और केवल माउथ-टू-माउथ प‌ब्लिसिटी की ही भूमिका है, किसी मार्केटिंग या प्रमोशन की नहीं।

    बीते 10 वर्षों के अंतराल में हमने तर्क और विवेक के साथ कार्य करने का प्रयास किया है। संवैधानिक ढांचे के दायरे में संस्थानों की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्‍चित करने के उद्देश्य से न्यायपालिका की रचनात्मक आलोचना करने से कभी पीछे नहीं हटे हैं।

    2017 में, हमने LiveLaw Hindi की शुरुआत कर मील का एक और पत्थर हासिल किया, जिसका उद्घाटन सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी ने किया। इन वर्षों में हमने LiveLaw अकादमी और लीगल मेंटरशिप प्रोग्राम, खुद का साइटेशन सिस्टम और कोर्ट जजमेंट के लिए हेडनोट्स, वीडियो रिपोर्ट्स और एक्सप्लेनर्स जैसे कई नए पहलुओं को जोड़ा है।

    2020 में हमने आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए सब्सक्रिप्शन मॉडल पर स्विच किया। वास्तव में एक स्वतंत्र और प्रभावी मीडिया तभी संभव है जब इसकी कीमत की अदायगी उन पाठकों द्वारा हो, जो गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग और निष्पक्ष समाचार चाहते हैं। यह रेखांकित करना महत्वपूर्ण है कि हमारे सब्सक्रिप्शन मॉडल पर पाठकों की प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक रही है।















    टेस्टमोनीअल्स

    सौरभ किरपाल, सीनियर एडवोकेट: नॉन-स्टॉप अनफ़िल्टर्ड जानकारियों के दौर में, LiveLaw एक महत्वपूर्ण आवाज बन गया है, जिसने संपादकीय विवेक और विचार का न्यायपूर्ण ढंग से प्रयोग किया है और आम जन के लिए जटिलतम कानूनी को सामग्र‌ियों को सुलभ बनाया है।

    अंजना प्रकाश, सीनियर एडवोकेट और पूर्व जज, पटना हाईकोर्ट: मुझे LiveLaw के बारे में तब पता चला, जब मैं 2016 में दिल्ली स्थानांतरित हुई। मैं कानूनी समाचारों को उत्साह से पढ़ती रही हूं। मुझे कानूनी मुद्दों पर उन लोगों की चर्चाओं ने हमेशा निराश किया है, जिन्हें कानून की पेचीदगियों की जानकारी नहीं है। इसलिए LiveLaw और उनके पत्रकारों ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण गैप को भर दिया है।

    दामा शेषाद्री नायडू, सीनियर एडवोकेट और पूर्व जज, आंध्र प्रदेश, केरल और बॉम्बे हाईकोर्टः बहुत-बहुत बधाई। एक दशक पहले केरल के एक कोने से एक तरंग उठी थी; जल्द ही यह एक लहर बन गई;कानूनी जागरूकता की लहर; पूरे भारत में और उसके बाहर; आप कानून को आम जिंदगी का हिस्सा बनाया है; आम आदमी से लेकर वकीलों तक की जिंदगी का; अपनी पूरी यात्रा के दौरान, आप सच्चे और निष्पक्ष, स्पष्ट और दृढ़ और सबसे बढ़कर सैद्धांतिक बने रहे। चलते रहो … हमेशा।

    रेबेका जॉन, सीनियर एडवोकेट: Livelaw सभी कानूनी समाचारों, टिप्पणियों और साक्षात्कारों के लिए मेरा पसंदीदा पोर्टल है। आपने सभी नागरिकों को कोर्टरूम तक पहुंच दी है, और इससे संस्थागत जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है। जब आप अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो मैं यह देखने के लिए और इंतजार नहीं कर सकती कि कैसे Livelaw कैसे अदालती कार्यवाहियों के लाइव कवरेज का देश दूरस्‍थ कोनों तक विस्तार करता है।

    प्रदीप राय, सीनियर एडवोकेट और पूर्व उपाध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन: LiveLaw ने कानूनी पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया है। इसने छात्रों सहित कानूनी बिरादरी के सभी वर्गों से सराहना प्राप्त की है। हम में से कई लोगों की दिनचर्या LiveLaw से शुरू होती है और उसी पर खत्म होती है। मैं LiveLaw को शानदार 10 वर्षों के लिए बधाई देता हूं जो समर्पण, कड़ी मेहनत और सटीकता से हासिल किया गया था। हमें आप सभी पर गर्व है।

    कल्लोल बोस, सीनियर एडवोकेट, कलकत्ता हाईकोर्ट: LiveLaw का योगदान कानूनी दुनिया के लिए अकल्पनीय है। उनका कार्य न्यायाधीशों, कानून के विद्वानों और अधिवक्ताओं के लिए समान रूप से प्रासंगिक और उपयोगी है। LiveLaw द्वारा प्रकाशित लेख प्रासंगिक, विचारोत्तेजक हैं और समय की मांग को पूरा करते हैं। प्रस्तुतिकरण और प्रारूप भी बहुत विचारशील और आकर्षक हैं। मैं इस संगठन के लिए हर सफलता की कामना करता हूं और उम्मीद और विश्वास करता हूं कि यह कानूनी दुनिया को सार्थक कानूनी सहयोग प्रदान करना जारी रखेगा।

    विक्रम राघवन, विश्व बैंक के प्रमुख वकील: LiveLaw वकीलों, वादियों और नागरिकों के लिए हमारे संविधान और कानूनी प्रणाली के बारे में विचारों, कहानियों और विश्लेषण का एक अमूल्य स्रोत है।

    प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण शोध उपकरण

    LiveLaw CLAT, न्यायिक सेवा परीक्षाओं और UPSC परीक्षाओं जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले हजारों उम्मीदवारों का भी एक पसंदीदा पोर्टल है।


    LiveLaw की पाठकों से एक अपील

    हम अपने आलोचकों, पाठकों, शुभचिंतकों और समर्थकों, विशेष रूप से इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन (IPSMF) और अजीम प्रेमजी फिलैंथ्रोपिक इनिशिएटिव्स को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमारी अब तक की यात्रा को सफल बनाया है।

    ऐसा नहीं है कि हमारी यात्रा संघर्षों और गलतियों के बिना नहीं रही है। लेकिन जब भी हम लड़खड़ाए, बहुत सारे शुभचिंतक थे, जिन्होंने एक सुधारक शक्ति के रूप में कार्य किया और हमारी ओर हाथ बढ़ाया। हम रचनात्मक आलोचनाओं के लिए आभारी हैं, ‌जिन्होंने LiveLaw को आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है।

    हम अपने पाठकों को भरोसा दिलाते हैं कि LiveLaw न्यायपालिका की जवाबदेही, पारदर्शिता और स्वतंत्रता के आदर्शों को बढ़ावा देने के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को जारी रखेगा, जिससे हमने न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों सहित कई पाठकों की सद्भावना अर्जित की है।

    हम सिस्टम के कर्तव्यनिष्ठ आलोचक के रूप में अपनी भूमिका, यानि-जब कोई कमी हो तो सत्ता को आईना दिखाने के प्रति भी सचेत हैं। संवैधानिक नैतिकता के आदर्शों में आबद्ध अपनी यात्रा जारी रखेंगे।

    और अंत में, हम अपने सभी प्रिय पाठकों से सब्सक्रिप्शन के माध्यम से हमारा सहयोग करने की अपील करते हैं, ताकि हम अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए आपको गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्रदान करना जारी रख सकें।

    कृपया प्रीमियम सदस्यता लेकर LiveLaw का सहयोग करें।


    Next Story