वकील ऐसे प्रोफेशनल नहीं, जिनका काम केवल अपने मु‌वक्किलों का प्रतिनिधित्व करना; वे सोशल इंजीनियर हैं: जस्टिस सूर्यकांत

LiveLaw News Network

26 Nov 2021 11:23 AM GMT

  • वकील ऐसे प्रोफेशनल नहीं, जिनका काम केवल अपने मु‌वक्किलों का प्रतिनिधित्व करना; वे सोशल इंजीनियर हैं: जस्टिस सूर्यकांत

    सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने कानून के छात्रों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "वकील केवल पेशेवर नहीं हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करना है। इसके बजाय, उनकी भूमिका सोशल इंजीनियरों की है।"

    उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के उस कथन का भी हवाला दिया, 'किताबें आपकी सच्ची साथी हैं' और कहा कि पुस्तकालय ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां ज्ञान का खजाना है।

    जस्टिस सूर्यकांत 19 नवंबर को डॉ बीआर अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।

    उन्होंने कहा कि डॉक्टर और वकील समाज के उत्थान और सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कानून के छात्रों को खुद को बेहतर पेशेवर के रूप में तैयार करने के लिए शुरू से ही इस रवैये को अपनाना चाहिए, क्योंकि एक अच्छा कानूनी पेशेवर देश के लोकतंत्र के लिए एक मील का पत्थर है।

    उन्होंने कहा, "गूगल सर्च के मौजूदा युग में पुस्तकों की भूमिका को कम होते हुए देखना बहुत दुखद है। हमें विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में अच्छे पुस्तकालयों के विकास पर जोर देना चाहिए। पुस्तकालय छात्रों के बीच एक सामान्य दृष्टिकोण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बशर्ते छात्र किसी भी पृष्ठभूमि से है। उन्होंने कहा कि छात्र जे स्टोर, मनुपात्रा ऑनलाइन जर्नल आदि भी पढ़ें, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कानूनी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं से संबंधित शोध पत्र उपलब्ध हैं। वर्तमान में हमें कॉमन लॉ विकसित करने की जरूरत है, जो किसी भी धर्म या जाति पर आधारित नहीं होना चा‌हिए। जीवन में सर्वांगीण विकास के लिए छात्रों के लिए अच्छी किताबें पढ़ना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि ने पुस्तकालय का उद्घाटन किया और पुस्तकालय के सामने मोर का एक पेड़ भी लगाया।"

    कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. विनय कपूर मेहरा ने मुख्य अतिथि के समक्ष विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट रखी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष उन्होंने नए परिसर में चार भवनों का लोकार्पण कर दिया है, जिसमें महिला एवं पुरुष छात्रावासों का उद्घाटन 14 अप्रैल 2021 को माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा अम्बेडकर जयंती पर ऑनलाइन किया गया। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण शिक्षक भवन का उद्घाटन 7 सितंबर 2021 को राज्यपाल और कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा किया गया था।

    उन्होंने बताया कि अब तक विश्वविद्यालय ने 80 सेमिनार-वेबिनार, वर्कशॉप, गेस्ट लेक्चर और प्रतियोगिताएं और 4 अंतरराष्ट्रीय सेमिनार और 10 संस्थानों के साथ एमओयू आदि का आयोजन किया है। विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा। पुस्तकालय विश्वविद्यालय की रीढ़ है, पुस्तकालय कानूनी शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना है।

    कुलसचिव डॉ अमित कम्बोज ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का अभिनन्दन करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

    कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में पूर्व न्यायाधीश एवं मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति केसी पुरी, प्रो. डीपी भारद्वाज, प्रो. अमरजीत सिंह, डॉ. पंकज (रजिस्ट्रार, सुप्रीम कोर्ट), श्री सुभाष मेहला (जिला सत्र न्यायाधीश) जेन पंकज आदि शामिल थे।





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