लखीमपुर खीरी हिंसाः वकीलों ने सीजेआई रमाना को पत्र लिखा, समयबद्ध सीबीआई जांच की मांग
LiveLaw News Network
6 Oct 2021 5:44 PM IST
उत्तर प्रदेश के दो वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना को पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी की हालिया हिंसक घटना की समयबद्ध सीबीआई जांच की मांग की है। उल्लेखनीय है कि घटना में 8 लोग मारे गए थे, जिनमें से चार को कथित रूप से एक वाहन से कुचल दिया गया था, जिसे केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्र का बेटा चला रहा था।
पत्र में कहा गया है,"उत्तर प्रदेश की नवीनतम घटना ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे कृषि नीति का मुद्दा किसानों की आजीविका को प्रभावित कर रहा है....। लखीमपुर-खीरी में किसानों की हत्या के मामले की गंभीरता के मद्देनजर माननीय न्यायालय पर है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे.....।
पत्र में केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित नौकरशाहों के खिलाफ न्यायिक हस्तक्षेप और निर्देश की मांग की गई है ताकि हिंसा पर विराम लग सके।
शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा द्वारा लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि हिंसा देश में राजनीतिक संस्कृति बन गई है और सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में सीबीआई जांच की प्रार्थना की गई है।
पत्र में कहा गया है, " ... आंदोलनकारी किसान... अपने विरोध प्रदर्शनों में शांतिपूर्ण रहे हैं और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आजीविका के लिए संघर्षरत कृषि समुदाय की बेहतरी के लिए उचित सौदे का दावा कर रहे हैं।"
महत्वपूर्ण रूप से पत्र में मामले में एफआईआर दर्ज करने और इस भीषण घटना में शामिल मंत्री को 'दंडित' करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गृह मंत्रालय को उचित निर्देश देने की मांग की गई है ।
गौरतलब है कि लखीमपुर की हिंसक घटना के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मिश्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, धारा 304-ए, धारा 120-बी, धारा 147, धारा 279 और धारा 338 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
संबंधित समाचार में, इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष भी एक पत्र याचिका दायर की गई है, जिसमें लखीमपुर खीरी की हालिया हिंसक घटना की सीबीआई जांच की मांग की गई है।