किसी कोर्ट के अधिकार क्षेत्र की कमी कार्यवाही निरस्त करने / फिर से शुरू करने का आधार हो सकती है, बजाय मुकदमे के स्थानांतरण की मांग के : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

13 Nov 2020 12:00 PM IST

  • किसी कोर्ट के अधिकार क्षेत्र की कमी कार्यवाही निरस्त करने / फिर से शुरू करने का आधार हो सकती है, बजाय मुकदमे के स्थानांतरण की मांग के : सुप्रीम कोर्ट

    सु्प्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट में लंबित एक रिट याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) की अर्जी खारिज कर दी है।

    केरल ओलम्पिक एसोसिएशन ने केरल हाईकोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर करके पिछले वर्ष हुए चुनाव के संबंध में आईओए के एथिक्स कमीशन (आचार आयोग) द्वारा की गयी कार्रवाई को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष, आईओए ने दलील दी थी कि आईओए के बाइ-लॉज के हिसाब से उसके खिलाफ कोई भी मुकदमा दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र के भीतर ही दायर किया जा सकता है।

    न्यायमूर्ति वी. रमासुब्रमण्यम ने कहा,

    "यह कहना पर्याप्त है कि यदि अदालत के पास एक मुकदमे की सुनवाई के लिए अधिकार क्षेत्र नहीं है तो यह उस पार्टी के लिए स्थानांतरण के बजाय कार्यवाही निरस्त करने / वापस करने की मांग करने के लिए अच्छा ही है। मैं याचिकाकर्ता की इस चिंता को समझ पाने में विफल हूं कि प्रथम प्रतिवादी द्वारा शुरू की गयी अनियमित कार्यवाही को वह नियमित क्यों कराना चाहता है?"

    आईओए ने 'आरवी इंडस्ट्रीज एवं अन्य बनाम रतन लाल शर्मा' मामले में दिये गये फैसले पर भरोसा जताते हुए दलील दी कि यदि कोई खास कार्यवाही जान बूझकर एक गलत अदालत में शुरू की जाती है तो इसका स्थानांतरण के सवाल पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

    इस बारे में कोर्ट ने कहा :

    "आरवी इंडस्ट्रीज मामले में दिये गये फैसले में इस विवाद का कोई जवाब नहीं है, क्योंकि इस कोर्ट ने उस मामले में यह नहीं कहा था कि एक अवैध कार्यवाही को विपक्षी पार्टी द्वारा न्यायिक अधिकार क्षेत्र के नाम पर एक कोर्ट में स्थानांतरित करके वैध ठहराया जा सकता है। आरवी इंडस्ट्रीज के फैसले का पैराग्राफ 13 बहुत ही महत्वपूर्ण है।"

    ट्रांसफर पिटीशन खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि भारतीय ओलम्पिक संघ गुण-दोषों की दलीलों के आधार पर केरल हाईकोर्ट के समक्ष अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठा सकता है।

    केस का नाम : भारतीय ओलम्पिक संघ बनाम केरल ओलम्पिक संघ [ट्रासंफर पिटीशन (सिविल) नंबर 975 / 2020]

    कोरम : न्यायमूर्ति वी. रमासुब्रमण्यम

    वकील : एडवोकेट डी एन गोवर्धन, सीनियर एडवोकेट वी. गिरि

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