केरल सहकारी समिति के सदस्य अपनी क्षमता में उपकरण/ बिक्री विलेख निष्पादित कर रहे, ये स्टांप शुल्क छूट के लाभ के हकदार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Avanish Pathak

29 Oct 2022 3:42 PM IST

  • केरल सहकारी समिति के सदस्य अपनी क्षमता में उपकरण/ बिक्री विलेख निष्पादित कर रहे, ये स्टांप शुल्क छूट के लाभ के हकदार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

    Supreme Court of India

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल में एक सहकारी समिति का सदस्य अपनी क्षमता में एक उपकरण/बिक्री विलेख निष्पादित करता है तो वह स्टांप शुल्क की छूट के लाभ का हकदार नहीं होगा।

    जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने केरल हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि (i) स्टांप शुल्क में छूट का लाभ केवल सोसाइटी द्वारा या उसकी ओर से या उसके किसी अधिकारी या सदस्य द्वारा निष्पादित उपकरणों के संबंध में उपलब्ध है और इस प्रकार निष्पादित उपकरण सोसाइटी के व्यवसाय से संबंधित होना चाहिए; और (ii) सोसाइटी द्वारा छूट के लाभ का दावा तभी किया जा सकता है, जब ऐसी छूट के लिए, सोसाइटी, एक अधिकारी, या सदस्य, जैसा भी मामला हो, इस तरह के स्टांप शुल्क का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता।

    अदालत ने केरल लैंड रिफॉर्म्स एंड डेवलपमेंट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, फेडरल हाउस कंस्ट्रक्शन कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और अन्य, एनबी कृष्णा कुरुप और अन्य, अलुवा टाउन कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी और सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम ऑफिसर्स हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड द्वारा दायर अपीलों को खारिज कर दिया।

    अपीलकर्ताओं का मामला यह था कि त्रावणकोर-कोचीन सहकारी समिति अधिनियम, 1951 के तहत जारी एसआरओ 75/60 ​​के अनुसार, किसी भी पंजीकृत सहकारी समिति द्वारा या उसकी ओर से निष्पादित उपकरण; ऐसी सोसाइटी के अधिकारी द्वारा निष्पादित उपकरण और किसी सदस्य द्वारा स्वयं की हैसियत से या/और नाबालिग के अभिभावक की हैसियत से और उसके व्यवसाय से संबंधित उपकरणों पर स्टांप शुल्क की छूट होगी; कि केरल अधिनियम, 1969 की धारा 110(2) के मद्देनजर, त्रावणकोर अधिनियम, 1951 के तहत जारी अधिसूचनाएं सहेजी जाती हैं और उन्हें केरल अधिनियम, 1969 के तहत जारी किया गया माना जाता है।

    दूसरी ओर, प्रतिवादी, ने तर्क दिया कि, उपरोक्त अधिनियमों के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए एसआरओ 75/60 ​​सहेजे नहीं गए हैं क्योंकि वे केरल अधिनियम, 1969 की धारा 40 के साथ असंगत हैं।

    पीठ ने कहा कि, धारा 40 (1) (ए) के अनुसार, केरल अधिनियम, 1969 के तहत किसी सोसायटी द्वारा या उसकी ओर से या उसके किसी अधिकारी या सदस्य द्वारा निष्पादित किसी भी उपकरण के संबंध में स्टांप शुल्क चार्जेबल है....और ऐसे मामलों में, लेकिन ऐसी छूट के लिए सोसाइटी, अधिकारी या सदस्य, जैसा भी मामला हो, इस तरह के स्टांप शुल्क का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा, वहां स्टांप शुल्क की छूट होगी।

    बेंच ने अपील को खारिज करते हुए कहा,

    "इस प्रकार, जैसा कि एसआरओ 75/60 ​​का खंड 1 (ए) केरल अधिनियम, 1969 के प्रासंगिक प्रावधानों के साथ असंगत है, विशेष रूप से इसकी धारा 40 के साथ, उक्त आदेश सहेजा नहीं गया है और इसे केरल अधिनियम, 1969 (केरल अधिनियम, 1969 की धारा 110 (2)) के तहत जारी नहीं माना जा सकता है, जैसा कि अपीलकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया है। इसलिए, केरल अधिनियम, 1969 की धारा 40 (1) (ए) में निहित स्पष्ट प्रावधान पर विचार करते हुए समाज का कोई भी सदस्य अपनी हैसियत से या अभिभावक या अवयस्क की हैसियत से दस्तावेजृ का निष्पादन करता है, स्टांप शुल्क में छूट के लाभ का हकदार नहीं होगा।

    9. उपरोक्त को देखते हुए और ऊपर बताए गए कारणों से , यहां अपीलकर्ता प्रश्नगत उपकरणों/विक्रय विलेखों पर स्टांप शुल्क की छूट के लाभ के हकदार नहीं होंगे। विचाराधीन ऐसे उपकरणों/विक्रय विलेखों को किसी सोसायटी द्वारा या उसकी ओर से या किसी अधिकारी द्वारा निष्पादित नहीं कहा जा सकता है...."

    केस डिटेलः केरल भूमि सुधार एवं विकास सहकारी समिति लिमिटेड बनाम जिला रजिस्ट्रार (सामान्य) | 2022 लाइव लॉ (SC) 882 | CA 6588 Of 2015 | 14 अक्टूबर 2022 | जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्णा मुरारी


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