केरल एक्टर यौन उत्पीड़न मामला: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पूरा करने के लिए समय बढ़ाया; 31 जुलाई नई समय-सीमा तय की
Shahadat
8 May 2023 1:10 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ट्रायल कोर्ट को 31 जुलाई के भीतर मलयालम एक्टर हमले के मामले में सुनवाई पूरी करने के लिए कहा।
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने ट्रायल जज से 2017 के केरल अभिनेता के अपहरण और बलात्कार से संबंधित मामले में 4 अगस्त तक मुकदमे की प्रगति पर नई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
खंडपीठ ने कहा,
"हमने ट्रायल जज द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर ध्यान दिया। ट्रायल पूरा करने का समय और बढ़ा दिया गया। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि ट्रायल हर तरह से 31 जुलाई, 2023 तक समाप्त हो जाएगा। इस मामले को 4 अगस्त को सूचीबद्ध करें। जब ट्रायल कोर्ट से अगली तारीख से पहले एक नई प्रगति रिपोर्ट भेजने की उम्मीद की जाएगी।"
अदालत मलयालम एक्टर दिलीप द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिस पर एक्टर के खिलाफ हमले के पीछे आपराधिक साजिश रचने का आरोप है, जिसमें मामले में निर्धारित समय सीमा के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष लंबित मुकदमे को पूरा करने की मांग की गई है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट ने ट्रायल जज की रिपोर्ट पर सुनवाई की प्रगति पर विचार करते हुए अगस्त में मामले को उठाने का अनुरोध किया।
खंडपीठ ने टिप्पणी की,
"हम नहीं समझते, यह ट्रायल जज हमेशा अपनी रिपोर्ट में तीन महीने मांगता है।"
राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट रंजीत कुमार ने प्रस्तुत किया कि जहां तक अभियोजन पक्ष का संबंध है, 24 दिनों से क्रॉस एग्जामिनेशन चल रहा है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि तकनीकी खराबी के कारण देरी हुई, क्योंकि यह ऑनलाइन हो रहा है।
बेंच ने आदेश पारित करने से पहले कहा,
"फिर न्यायाधीश सही है। वह भी मशीन नहीं है। हम उसे तीन महीने में ऐसा करने के लिए कहते हैं, वह हमें मानक पत्र भी भेजता है।"
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में केरल राज्य सरकार (अभियोजन) से पूछा था कि केरल एक्टर यौन उत्पीड़न मामले में एर्नाकुलम अदालत के समक्ष मुकदमे को क्यों लंबा खींचा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ महीने पहले एर्नाकुलम में कोर्ट के समक्ष चल रहे मुकदमे में गवाहों की एग्जामिनेशन में हस्तक्षेप करने के लिए कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।
केस टाइटल: पी गोपालकृष्णन @दिलीप बनाम केरल राज्य | आपराधिक अपील नंबर 1794/2019 में एमए