कर्नाटक सरकार ने पेश किया 'कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम्स (प्रिवेंशन) बिल, 2025'
Praveen Mishra
11 Dec 2025 1:54 PM IST

कर्नाटक सरकार ने बुधवार को राज्य विधानसभा में “कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम्स (प्रिवेंशन) बिल, 2025” पेश किया, जिसका उद्देश्य समाज में नफरत फैलाने वाले भाषणों और अपराधों को रोकना तथा ऐसे मामलों में कड़ी सज़ा और पीड़ितों को मुआवज़ा सुनिश्चित करना है।
बिल के अनुसार, हेट स्पीच किसी भी ऐसी अभिव्यक्ति को कहा गया है—चाहे बोली गई हो, लिखी गई हो, संकेत, दृश्य माध्यम या इलेक्ट्रॉनिक संचार के जरिए—जो सार्वजनिक तौर पर व्यक्तियों, समूहों या समुदायों के प्रति चोट पहुँचाने, वैमनस्य या घृणा फैलाने की नीयत से की जाए। वहीं, हेट क्राइम को ऐसी किसी भी घृणात्मक अभिव्यक्ति के संचार, प्रकाशन, प्रसारण, प्रचार, उकसावे या प्रयास से उत्पन्न अपराध बताया गया है।
बिल में प्रावधान है कि हेट क्राइम करने वाले व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष से लेकर सात वर्ष तक की सज़ा और ₹50,000 का जुर्माना होगा। बार-बार अपराध करने वालों के लिए दो वर्ष से दस वर्ष तक की सज़ा और ₹1 लाख तक का जुर्माना निर्धारित किया गया है। अदालत पीड़ित को अपराध के प्रभाव और चोट के आधार पर उचित मुआवज़ा भी दे सकती है।
इन अपराधों को संज्ञेय, गैर-जमानती और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी द्वारा विचारणीय बताया गया है। हालांकि, विज्ञान, साहित्य, कला, शिक्षा या सार्वजनिक हित के लिए की गई सामग्री के प्रकाशन को इस कानून से छूट दी गई है, बशर्ते उसका उद्देश्य bona fide हो।
बिल के तहत कार्यपालिका मजिस्ट्रेट, विशेष कार्यपालिका मजिस्ट्रेट या DSP रैंक से ऊपर का पुलिस अधिकारी सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक रोकथामात्मक कदम उठा सकेगा। यदि कोई संगठन या संस्था इस अधिनियम के तहत अपराध करती है, तो उस समय जिम्मेदार सभी अधिकारी भी अपराध के लिए उत्तरदायी माने जाएंगे।
राज्य सरकार एक नियुक्त अधिकारी भी तैनात करेगी, जिसे किसी सेवा प्रदाता, इंटरमीडियरी या संस्था को अपने प्लेटफ़ॉर्म से हेट क्राइम से संबंधित सामग्री ब्लॉक या हटाने का निर्देश देने का अधिकार होगा।

