कांचा गाचीबोवली में पेड़ों की प्रथम दृष्टया 'पूर्व नियोजित' कटाई को लेकर तेलंगाना सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

Shahadat

15 May 2025 2:49 PM IST

  • कांचा गाचीबोवली में पेड़ों की प्रथम दृष्टया पूर्व नियोजित कटाई को लेकर तेलंगाना सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

    सुप्रीम कोर्ट ने कांचा गाचीबोवली क्षेत्र में 1,000 से अधिक पेड़ों की प्रथम दृष्टया 'पूर्व नियोजित' कटाई को लेकर तेलंगाना सरकार को कड़ी फटकार लगाई।

    कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को अवमानना ​​कार्यवाही और अस्थायी कारावास की चेतावनी दी, क्योंकि उसने पाया कि इस क्षेत्र में बुलडोजर चलाने के लिए लंबे सप्ताहांत का दुरुपयोग किया गया।

    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने पहले कहा था कि साइट पर यथास्थिति बहाल करना कोर्ट की पहली प्राथमिकता होगी। राज्य के वन्यजीव वार्डन वनों की कटाई से प्रभावित वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाएंगे। इसने राज्य को सीईसी स्पॉट निरीक्षण रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए भी समय दिया था।

    राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट ए.एम. सिंघवी ने खंडपीठ को सूचित किया कि जब जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया तो सीईसी रिपोर्ट की जांच करने के लिए और समय की आवश्यकता थी, जो उन्हें कल शाम 5 बजे ही प्राप्त हुई। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में आगे कोई वनों की कटाई नहीं की जा रही है।

    उन्होंने कहा,

    "सब कुछ रुक गया, वहां कुछ भी नहीं हो रहा है।"

    मामले में एमिक्स क्यूरी के रूप में पेश सीनियर एडवोकेट के. परमेश्वर ने पीठ को सूचित किया कि सीईसी की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित क्षेत्र का 60% मध्यम घने और अत्यधिक घने वन श्रेणियों में आता है। फिर इस बात पर विचार करते हुए कि राज्य के अधिकारियों ने अगले कार्य सप्ताह की शुरुआत के दौरान पेड़ों को काटने का विकल्प चुनने के बजाय एक लंबे सप्ताहांत के दौरान कटाई शुरू की, सी.जे.आई. ने कहा कि वनों की कटाई की योजना 'प्रथम दृष्टया पूर्व नियोजित' लगती है।

    उन्होंने कहा:

    "हम आपको सतर्क कर रहे हैं, आप ऐसी बात का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं- इसमें शामिल सभी अधिकारियों के साथ आप बड़ी मुसीबत में पड़ जाएंगे....लंबे सप्ताहांत का फायदा उठाकर, आप ये सब करते हैं...क्या आपने वो तस्वीरें देखी हैं? दर्जनों बुलडोजरों की व्यवस्था की गई...प्रथम दृष्टया, ये सब पहले से ही योजनाबद्ध लगता है।"

    सीजेआई ने आगे कहा,

    "क्या आपके पास पर्यावरण मंजूरी थी? अगर आप चाहते हैं तो हम अवमानना ​​के लिए काम करेंगे, बेहतर होगा कि जंगल को बहाल करने का फैसला लें, अन्यथा सचिव..."

    हालांकि, सिगहवी ने कहा कि पेड़ों को काटने की मंजूरी सप्ताहांत में नहीं दी गई, बल्कि वास्तव में संस्थागत प्रक्रिया के माध्यम से एक साल लग गया।

    इस पर सीजेआई ने आगे पूछा,

    "अगर आप सच्चे हैं तो आपने इसे सोमवार को क्यों नहीं शुरू किया? आपने इसे लंबे सप्ताहांत की शुरुआत में क्यों शुरू किया?"

    खंडपीठ को जब बताया गया कि राज्य ने अपने जवाब में केवल अपना पक्ष रखा और बिना किसी बहाली योजना के साइट पर आईटी निर्माण करने का प्रस्ताव दिया तो सीजेआई ने सख्त रुख अपनाया और कहा,

    "यदि आप चाहते हैं कि मुख्य सचिव और आधा दर्जन अधिकारी अस्थायी जेल में शिफ्ट हो जाएं तो हम ऐसा कर सकते हैं। हम हमेशा सतत विकास के पक्षधर रहे हैं, यहां सवाल 1,000 पेड़ों की कटाई का है, लंबी छुट्टी (वनों की कटाई के लिए इस्तेमाल) का गलत फायदा उठाते हुए।"

    उक्त घटना में शिकायतकर्ताओं द्वारा अंतरिम आवेदन भी दायर किया गया। आवेदकों के वकील ने बताया कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी (क्षेत्र के पास स्थित) में परीक्षा चल रही है, जबकि शिकायतकर्ता रहे 200 स्टूडेंट पर आपराधिक कार्यवाही चल रही है। अब तक स्टूडेंट्स के खिलाफ 3 FIR दर्ज की गई, कुछ परीक्षा के दौरान जेल के अंदर भी हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र में चल रहे एक स्कूल को बुलडोजर से गिरा दिया गया।

    सीजेआई ने आईए पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि वर्तमान स्वप्रेरणा के दायरे का विस्तार नहीं किया जा सकता और यह वन क्षेत्र की सुरक्षा तक सीमित है। हालांकि, खंडपीठ ने आवेदकों को हाईकोर्ट में जाने और कानून के तहत उचित उपाय करने की स्वतंत्रता दी।

    अब मामले की सुनवाई 23 जुलाई को होगी।

    केस टाइटल: कांचा गाचीबोवली वन के संबंध में, तेलंगाना राज्य बनाम |एसएमडब्ल्यू(सी) नंबर 3/2025 (और संबंधित मामला)

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