ब्रेकिंग| जस्टिस पीबी वराले ने ली एससी जज के रूप में शपथ, सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जाति के जजों की संख्या बढ़कर 3 हुई

Shahadat

25 Jan 2024 11:06 AM IST

  • ब्रेकिंग| जस्टिस पीबी वराले ने ली एससी जज के रूप में शपथ, सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जाति के जजों  की संख्या बढ़कर 3 हुई

    जस्टिस प्रसन्ना बी वराले ने गुरुवार (25 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट जज पद की शपथ ली।

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस वराले को शपथ दिलाई, जो पहले कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और बॉम्बे हाईकोर्ट के जज रह चुके हैं।

    इस नियुक्ति के साथ सुप्रीम कोर्ट 34 जजों की अपनी पूरी क्षमता पर वापस आ गया है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में अब अनुसूचित जाति के तीन न्यायाधीश हो गए हैं। इन जजों में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस वराले शामिल हैं।

    यह सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जाति समुदाय का अब तक का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व है।

    केंद्र सरकार ने जस्टिस वराले की नियुक्ति को मंजूरी दे दी, जिसकी सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक सप्ताह पहले की थी।

    अपने बयान में एससी कॉलेजियम ने इस तथ्य पर विचार किया था कि हाईकोर्ट के जजों में जस्टिस वराले अनुसूचित जाति से संबंधित सबसे सीनियर जज हैं। वह देश के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के बीच अनुसूचित जाति से संबंधित एकमात्र चीफ जस्टिस हैं।

    वह हाईकोर्ट के जजों की संयुक्त अखिल भारतीय सीनियरिटी में नंबर 6 पर हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के जजों की सीनियरिटी वह सबसे सीनियर जज हैं।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने पाया कि उनके द्वारा लिखे गए निर्णय कानून के हर क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों से निपटते हैं।

    पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने प्रस्ताव में दर्ज किया,

    "वह बेदाग आचरण और सत्यनिष्ठा के साथ सक्षम जज हैं और उन्होंने पेशेवर नैतिकता के उच्च मानक बनाए रखे हैं।"

    बॉम्बे हाईकोर्ट के जज के रूप में 2008 में पदोन्नत होने से पहले उन्होंने जिला और सत्र न्यायालय में नागरिक, आपराधिक, श्रम और प्रशासनिक कानून मामलों में और औरंगाबाद में हाईकोर्ट की पीठ में संवैधानिक मामलों में 23 वर्षों से अधिक समय तक बार में प्रैक्टिस की। उन्हें अक्टूबर 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था।

    यह सिफारिश पिछले महीने जस्टिस एसके कौल के रिटायर्ड होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में निकली रिक्ति के लिए की गई है।

    जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस कॉलेजियम के अन्य सदस्य हैं।

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