सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक केएम शाजी के खिलाफ रिश्वत और PMLA मामलों को फिर से शुरू करने की याचिका खारिज की
Shahadat
26 Nov 2024 3:34 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा, जिसमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेता और पूर्व विधायक केएम शाजी के खिलाफ रिश्वत और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को खारिज कर दिया गया था।
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने केरल राज्य और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि शाजी ने 2014-15 में प्लस टू कोर्स को मंजूरी देने के लिए कन्नूर के अझिकोड हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधक से 25 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। इस रिश्वत मामले से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया।
न्यायालय ने जांच के दौरान दर्ज किए गए 54 गवाहों के बयानों की समीक्षा की।
जस्टिस ओक ने कहा कि किसी भी बयान में यह संकेत नहीं मिला कि शाजी ने व्यक्तिगत रूप से पैसे मांगे या प्राप्त किए।
उन्होंने कहा,
"आपने 54 बयान दर्ज किए। एक भी गवाह ने यह नहीं कहा कि उसकी मौजूदगी में पैसे मांगे गए और उसे पैसे दिए गए, एक भी गवाह ने नहीं। हमने मैनेजर समेत 50 गवाहों के पूरे रिकॉर्ड को देखा है। सभी ने कहा कि किसी और ने मुझसे कहा कि पैसे मांगे गए। प्रतिवादी द्वारा की गई मांग के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।"
उन्होंने आगे कहा,
"अगर हम इसकी अनुमति देते हैं तो किसी भी राजनेता को इसमें शामिल किया जा सकता है।"
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि FIR की चल रही जांच में बाधा नहीं आनी चाहिए और मामले को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाना चाहिए।
"आपने बार-बार कहा है कि राजनीतिक मकसद राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता जैसे मुद्दे जांच के चरण में उठाए जाने के आधार नहीं हैं।"
हालांकि, अदालत ने दलीलों को स्वीकार नहीं किया और एसएलपी खारिज की। न्यायालय ने रिश्वतखोरी के आरोपों से उत्पन्न शाजी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला रद्द करने का हाईकोर्ट का आदेश चुनौती देने वाली एसएलपी खारिज की, यह देखते हुए कि उसने रिश्वतखोरी का मामला रद्द करने का फैसला बरकरार रखा।
केस टाइटल- केरल राज्य बनाम केएम शाजी निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय बनाम केएम शाजी