"मैं सतत विकास का समर्थन करता हूं, लेकिन बुलडोज़र से रातोंरात जंगल नहीं हटाए जा सकते" : CJI बीआर गवई ने कांचा गच्चीबोवली मामले पर कहा
Shahadat
23 July 2025 1:11 PM IST

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने तेलंगाना के कांचा गाचीबोवली वन क्षेत्र में वनों की कटाई के स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि रातोंरात जंगल को बुलडोज़र से साफ़ करना सतत विकास के रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता।
चीफ जस्टिस ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि हालांकि वह सतत विकास के पक्ष में हैं, लेकिन कांचा गाचीबोवली क्षेत्र में रातोंरात बुलडोज़र चलाने की घटना को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा:
"मैं स्वयं सतत विकास का समर्थक हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप रातोंरात 30 बुलडोज़र लगाकर सारा जंगल साफ़ कर दें।"
इस मामले में एमिक्स क्यूरी के रूप में उपस्थित सीनियर एडवोकेट के. परमेश्वर ने बताया कि कुछ निजी हस्तक्षेपकर्ता इस मुद्दे पर राज्य के हलफनामे पर जवाब दाखिल करना चाहते हैं।
इसके बाद पीठ ने मामले को 13 अगस्त के लिए फिर से सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।
इससे पहले, न्यायालय ने राज्य के अधिकारियों को अवमानना कार्यवाही और अस्थायी कारावास की चेतावनी दी, क्योंकि उसने पाया था कि लंबे सप्ताहांत का दुरुपयोग क्षेत्र को ध्वस्त करने के लिए किया गया था।
इसने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि स्थल पर यथास्थिति बहाल करना न्यायालय की पहली प्राथमिकता होगी और राज्य के वन्यजीव संरक्षक वनों की कटाई से प्रभावित वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाएंगे।
न्यायालय ने राज्य को सीईसी की स्थल निरीक्षण रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए भी समय दिया था।
Case Title : IN RE KANCHA GACHIBOWLI FOREST, STATE OF TELANGANA VERSUS |SMW(C) No. 3/2025 (and connected case)

