यूपीएससी उम्मीदवारों को 'सक्रिय विचार' के तहत अतिरिक्त मौका दिया जाएगाः केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
LiveLaw News Network
11 Jan 2021 2:16 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को COVID-19 महामारी के कारण उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों के आधार पर UPSC (यूपीएससी) परीक्षा देने के उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
जस्टिस एएम खानविल्कर, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने एएसजी एसवी राजू को सुना जिन्होंंने केंद्र के लिए समय मांगा था क्योंकि केंद्र ने कहा था कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग विचार कर रहे हैंं।
कोर्ट ने एएसजी को सूचित किया कि किसी भी परिस्थिति में फॉर्म भरने की आखिरी तारीख के बाद कोई स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए। हालांकि एएसजी ने पहले फरवरी के पहले सप्ताह तक समय मांगा, लेकिन पीठ ने कहा कि उन्हेंं जल्द ही निर्देश लेने चाहिए।
तदनुसार, खंडपीठ ने केंद्र और यूपीएससी के फैसले का इंतजार करने के लिए "रचाना सिंह बनाम भारत संघ" शीर्षक से मामला 22 जनवरी को पोस्ट किया।
18 दिसंबर, 2020 को पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि केंद्र अतिरिक्त अवसर मांंग वाली याचिका के संबंध में एक "प्रतिकूल स्टैंड" नहीं ले रहा है और इस संबंध में एक निर्णय तीन या चार सप्ताह के भीतर होने की संभावना है। अतिरिक्त मौका देने के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है।
यह निर्देश न्यायमूर्ति खानविल्कर की अगुवाई वाली पीठ ने वासुर्देवी गोवर्धन साई प्रकाश बनाम यूपीएससी की पीठ को दिया, जिसमें याचिकाकर्ताओं की महामारी के मद्देनजर अक्टूबर 2020 में निर्धारित यूपीएससी परीक्षा स्थगित करने की याचिकाकर्ताओं की याचिका खारिज कर दी।
न्यायालय ने अधिकारियों को उस संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया था जो "शीघ्रता से" हो।
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अगुवाई वाली पीठ ने उस सबमिशन के आधार पर एक अन्य याचिका (अभिषेक आनंद सिन्हा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया) का निस्तारण किया, जिसमें कहा गया कि न्यायालय के लिए यह उचित नहीं था कि जब वह संबंधित अधिकारियों के विचाराधीन था तब आदेश पारित करना उचित नहीं था।