निविदा के विशेषज्ञ मूल्यांकन पर रिट कोर्ट द्वारा दूसरा अनुमान नहीं लगाया सकता, जब तक कि निविदा प्राधिकरण की ओर मनमानी या दुर्भावना का आरोप ना लगें : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

21 Dec 2020 4:44 AM GMT

  • निविदा के विशेषज्ञ मूल्यांकन पर  रिट कोर्ट द्वारा दूसरा अनुमान नहीं लगाया सकता, जब तक कि निविदा प्राधिकरण की ओर मनमानी या दुर्भावना का आरोप ना लगें : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी विशेष निविदा के विशेषज्ञ मूल्यांकन, विशेषकर जब तकनीकी मूल्यांकन की बात आती है, तो रिट कोर्ट द्वारा दूसरा अनुमान नहीं लगाया सकता, जब तक कि निविदा प्राधिकरण की ओर मनमानी या दुर्भावना का आरोप नहीं लगाया जाता है।

    दरअसल पुलिस महानिरीक्षक, कश्मीर ज़ोन, क्षेत्रीय कश्मीर पुलिस मुख्यालय, श्रीनगर ने सैनिकों के लिए विभिन्न प्रकार के वाणिज्यिक वाहनों (ईंधन के बिना) व उपकरणों की आपूर्ति के लिए प्रतिष्ठित ट्रांसपोर्टरों, पंजीकृत फर्मों / संगठनों से वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए ऑनलाइन निविदा (ई-निविदा) आमंत्रित की। गैलेक्सी ट्रांसपोर्ट एजेंसीज, कांट्रेक्टर्स, ट्रेडर्स , ट्रांसपोर्टर्स और स्पलॉयर्स और मेसर्स न्यू जे के रोडवेज, फ्लीट ओनर्स और ट्रांसपोर्ट कॉन्ट्रैक्टर्स ने अपना टेंडर जमा किया। टेंडर ओपनिंग कमेटी ने पाया कि जेके रोडवेज़, और एसोसिएटेड कॉन्ट्रैक्टर्स तकनीकी बोली की योग्यता आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं। गैलेक्सी ट्रांसपोर्ट एजेंसी को तकनीकी रूप से योग्य माना गया था और उसे अनुबंध आवंटित किया गया था। इस अनुबंध को जेके रोडवेज़ द्वारा जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर करके चुनौती दी थी।

    हालांकि एकल पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन डिवीजन बेंच ने जेके रोडवेज़ द्वारा दायर अपील की अनुमति देते हुए कहा कि गलत तरीके से निविदा प्राधिकरण द्वारा जेके रोडवेज़ को अयोग्य घोषित किया गया था।

    अपील में, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि प्राधिकरण जो निविदा दस्तावेज लिखता है वह अपनी आवश्यकताओं को समझने और उसकी सराहना करने के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति है, और इस प्रकार, इसकी व्याख्या न्यायिक समीक्षा की कार्यवाही में एक अदालत द्वारा दूसरे अनुमान के तहत नहीं होनी चाहिए। इस संबंध में, अदालत ने इन निर्णयों का उल्लेख किया: एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड बनाम नागपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड 2016 (16) एससीसी 818, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड बनाम एएमआर देव प्रभा, सिल्पी कंस्ट्रक्शंस कॉन्ट्रैक्टर्स बनाम भारत संघ, जगदीश मंडल बनाम उड़ीसा राज्य, (2007) 14 एससीसी 517, मोंटेकार्लो लिमिटेड बनाम एनटीपीसी लिमिटेड, 2016 (15) एससीसी 272।

    अपील की अनुमति देते हुए, पीठ ने कहा :

    "एनआईटी की शर्त नंबर 27 के रूप में, कम से कम 5 वर्षों के कार्य अनुभव को कम से कम 2 करोड़ रुपये के मूल्य से कम का संबंध है, यह कहना पर्याप्त है कि विशेषज्ञ निकाय, निविदा खोलने वाली समिति, जिसमें चार सदस्य शामिल हैं, ने स्पष्ट रूप से पाया कि यह पात्रता शर्त हमारे समक्ष अपीलार्थी द्वारा संतुष्ट की गई थी। इसलिए इस न्यायालय को दिए गए दस्तावेजों के मूल्यांकन में जाने बिना, यह अच्छी तरह से तय किया गया है कि जब तक कि निविदा प्राधिकरण की ओर मनमानी या दुर्भावना का आरोप नहीं लगता है, एक विशेष निविदा के विशेषज्ञ मूल्यांकन, विशेष रूप से जब तकनीकी मूल्यांकन की बात आती है, तो रिट कोर्ट द्वारा दूसरा अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। "

    मामला: एम / एस गैलेक्सी ट्रांसपोर्ट एजेंसीज, कांट्रेक्टर्स, ट्रेडर्स , ट्रांसपोर्टर्स और स्पलॉयर्स बनाम न्यू जे के रोडवेज़, फ्लीट ओनर्स और ट्रांसपोर्ट कॉन्ट्रैक्टर्स और अन्य [ एसएलपी ( सिविल) नंबर 12766/ 2020]

    पीठ : जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस केएम जोसेफ

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