पूर्व मंत्री ने हरियाणा चुनाव में इस्तेमाल की गई EVM के सत्यापन और जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Shahadat

13 Dec 2024 9:10 AM IST

  • पूर्व मंत्री ने हरियाणा चुनाव में इस्तेमाल की गई EVM के सत्यापन और जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

    हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री और 5 बार विधायक रह चुके करण सिंह दलाल ने हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के सत्यापन और जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    हरियाणा चुनाव में उम्मीदवार लखन कुमार सिंगला के साथ दलाल द्वारा दायर याचिका में भारत के चुनाव आयोग (ECI) को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एंड अन्य के फैसले के अनुसार EVM के चार घटकों (कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट, VVPAT और सिंबल लोडिंग यूनिट) की मूल जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए नीति/ज्ञापन बनाने के निर्देश देने की मांग की गई।

    याचिकाकर्ताओं के मामले से संबंधित एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (सुप्रा) का अंश इस प्रकार है:

    “प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र/संसदीय क्षेत्र के विधानसभा खंड में 5% EVM, यानी कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और VVPAT में जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन EVM के निर्माताओं के इंजीनियरों की टीम द्वारा परिणामों की घोषणा के बाद किसी भी छेड़छाड़ या संशोधन के लिए किया जाएगा, जो कि सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार के पीछे क्रमांक 2 या क्रमांक 3 पर मौजूद उम्मीदवारों द्वारा लिखित अनुरोध पर किया जाएगा। ऐसे उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि मतदान केंद्र या क्रम संख्या द्वारा EVM की पहचान करेंगे। सभी उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों के पास सत्यापन के समय उपस्थित रहने का विकल्प होगा।”

    बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता वे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने हरियाणा राज्य में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे सबसे अधिक वोट प्राप्त किए।

    उनका कहना है कि चुनाव आयोग ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (सुप्रा) के मामले में दिए गए फैसले के अनुसार EVM के चार घटकों की मूल जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए कोई नीति/दिशानिर्देश/प्रक्रिया जारी नहीं की है।

    कहा गया,

    “चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए निर्धारित एसओपी के अनुसार, EVM की जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन की प्रक्रिया EVM के निर्माताओं द्वारा जली हुई मेमोरी या चिप की जांच और सत्यापन किए बिना बुनियादी डायग्नोस्टिक टेस्ट और मॉक पोल आयोजित करना है। इसके अलावा, एसओपी के अनुसार BEL/ECIL के इंजीनियरों की भूमिका मुख्य रूप से मॉक पोल के दौरान उत्पन्न VVPAT पर्चियों की गिनती करना है। छेड़छाड़ के लिए जली हुई मेमोरी के सत्यापन के लिए किसी भी प्रक्रिया का अभाव प्रतिवादी की ओर से मूल जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की किसी भी तरह की जांच के अधीन होने की अनिच्छा को दर्शाता है।”

    उक्त अभ्यास को 8 सप्ताह की अवधि के भीतर आयोजित करने का अनुरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि उन्होंने वर्तमान याचिका द्वारा चुनाव के परिणामों को चुनौती देने की मांग नहीं की है। उक्त उद्देश्य के लिए, उन्होंने अलग-अलग चुनाव याचिकाएं दायर की हैं, जो पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष लंबित हैं।

    केस टाइटल: करण सिंह दलाल और अन्य बनाम भारत का चुनाव आयोग

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