सुप्रीम कोर्ट ने अपनी 71 वीं वर्षगांठ पर कहा, 'यह सुनिश्चित किया है कि न्याय तक सभी की पहुंच बनी रहे'

LiveLaw News Network

29 Jan 2021 4:18 AM GMT

  • National Uniform Public Holiday Policy

    Supreme Court of India

    सुप्रीम कोर्ट ने अपनी 71 वीं वर्षगांठ पर जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि स्‍थापना के बाद से उसने यह सुनिश्चित किया है कि न्याय तक सभी की पहुंच बनी रहे।

    28 जनवरी 1950 को सुप्रीम कोर्ट ने संसद भवन के चैंबर ऑफ प्रिंसेस में अपनी पहली बैठक की थी। चीफ जस्टिस हरिलाल जे.कानिया, जस्टिस सैय्यद फ़ज़ल अली, जस्टिस एम पतंजलि शास्त्री, जस्टिस मेहर चंद महाजन, जस्टिस बिजन कुमार मुखर्जी और जस्टिस एसआर दास उस बेंच के सदस्य थे, जिसने पहली बैठक की थी। उद्घाटन समारोह में विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों, अटॉर्नी जनरल, एडवोकेट जनरलों, प्रधान मंत्री, अन्य मंत्रियों, राजदूतों और विदेशी राज्यों के राजनयिक प्रतिनिधियों सहित वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भाग लिया था। (स्रोत: SCI)

    मौजूदा इमारत में सुप्रीम कोर्ट ने 1958 से कार्य करना शुरु किया, इससे पहले तक संसद भवन में ही उसकी कार्यवाही चलती रही।

    सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जारी ज्ञापन में कहा गया है , "इन सभी वर्षों में भारत के संविधान द्वारा दिए गए जनादेश के तहत सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा, कानून के शासन और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की दिशा में लगातार कार्य किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया लेकिन यह अपने कर्तव्यों के लिए प्रतिबद्ध रहा है और यह सुनिश्चित करत रहा है कि न्याय तक सभी की पहुंच बनी रहे।"

    विज्ञप्ति में COVID महामारी और इसे दूर करने के लिए अपनाई गई रणनीतियों के मद्देनजर न्यायालय के समक्ष आई चुनौतियों का भी जिक्र किया गया। उल्लेखनीय है कि COVID 19 की महामारी कि दरमियान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 31.12.2020 तक 1998 पीठों ने 43,713 सुनवाइयां पूरी की।

    विज्ञप्‍ति में कहा गया है, "हाल ही में, वर्ष 2020 में, एक ऐसी ही अभूतपूर्व चुनौती, कोरोना वायरस की व्यापक संक्रामक बीमारी का सामना करना पड़ा। 23 मार्च, 2020 से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने सुनिश्चित किया कि न्याय तक पहुंच बनी रहे। इस अभूतपूर्व चुनौती के दरमियान, न्यायालय कार्यात्मक बने रहे, हालांकि बेंचों की संख्या कम हो गई थी। कैलेंडर वर्ष में सामान्य रूप से आवश्यक 190 दिनों की कोर्ट बैठकों से परे, इस अवधि में कोर्ट 231 दिनों के लिए कार्यात्मक रहा था, जिसमें वर्ष 2020 में 13 अवकाश बैठकें शामिल थीं। पिछले तीन वर्षों में औसतन 268 दिनों की तुलना में, रजिस्ट्री भी 271 दिनों के लिए कार्यात्मक रही।

    COVID-19 से 408 अधिकारियों/ कर्मचारियों को संक्रमित होने के कारण रजिस्ट्री की कार्य क्षमता प्रभावित हुई और एक अधिकारी के जीवन की दुर्भाग्यपूर्ण क्षति भी हुई। हालांकि लगभग 99% संक्रमण के मामले एस‌िम्प्टोमेटिक या हल्के लक्षणों के साथ रहे। CODID-19 प्रोटोकॉल के कठोर कार्यान्वयन, और समय-समय पर अधिकारियों / कर्मचारियों की टेस्टिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग और सफाई पर जोर के कारण शुरुआती दौर में बीमारी का पता लगाना और इलाज करना संभव रहा। तकनीकी कमी और कम कार्यबल, COVID-19 प्रोटोकॉल, और अन्य चुनौतियों के बावजूद, 1998 पीठों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 31.12.2020 तक 43,713 सुनवाई की गई थी।"

    प्रेस विज्ञप्ति पढ़ने/ डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें


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