गृह मंत्रालय का निर्देश, लॉक डाउन की अवधि में बिना किसी कटौती के देनी होगी मजदूरी, मजदूर और छात्रों से किराया वसूलने पर रोक

LiveLaw News Network

29 March 2020 4:00 PM GMT

  • गृह मंत्रालय का निर्देश, लॉक डाउन की अवधि में बिना किसी कटौती के देनी होगी मजदूरी, मजदूर और छात्रों से किराया वसूलने पर रोक

    COVID-19 की महामारी के कारण लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गृह मंत्रालय ने रविवार को जारी एक नए आदेश में कहा कि लॉकडाउन की अवधि में नियोक्ता अपने कर्मचारी को कार्यस्‍थल पर ही बिना किसी कटौती के मजदूरी का भुगतान करे।

    गृह मंत्रालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि मकान मालिक एक महीने की अवधि के लिए को मजदूरों से किराया न वसूलें। इनमें प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं, जो कि किराए के मकानों में रहते हैं।

    "सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की जिस अवधि में उनके प्रतिष्ठान बंद रहेंगे, अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान उनके कार्य स्‍थल पर, नियत तिथि पर, बिना किसी कटौती के करेंगे।"

    "यदि कोई मकान मालिक मजदूरों और छात्रों को मकान खाली करने के लिए मजबूर कर रहा है, तो वे (आपदा प्रबंधन) अधिनियम के तहत कार्रवाई के उत्तरदायी होंगे।"

    उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिनों से विभिन्न शहरों से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने अपने गांवों की ओर पलायन किया है, जिसके बाद गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 10 (2) (एल) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए रविवार दोपहर उक्त आदेश जारी किया।

    गृह मंत्रालय के आदेश में राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि राज्य और जिले की सीमाओं को प्रभावी रूप से बंद किया जाए और लॉकडाउन की अवधि में लोगों को इन सीमाओं को पार न करने दिया जाए।

    राज्यों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिया गया है कि शहरों या नेशनल हाईवे पर लोगों की आवाजाही न हो। केवल माल की आवाजाही की अनुमति दी जाए। आपदा प्रबंधन अधिन‌ियम के तहत जारी किए गए इन निर्देशों के कार्यान्वयन की जिम्‍मेदारी व्यक्तिगत रूप से डीएम और एसपी की होगी।

    गृह मंत्रालय कि आदेश में सुझाव दिया गया है कि प्रवासी मजदूरों सहित गरीब और जरूरतमंद लोगों के भोजन और आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था कार्यस्‍थल पर ही की जाए। केंद्र ने शनिवार को इस काम के लिए एसडीआरएफ फंड के इस्तेमाल के आदेश जारी किए थे। राज्यों के पास इस मद के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है।

    राज्यों से यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि में मजदूरों को मजदूरी का भुगतान समय पर और बिना किसी कटौती के कार्यस्थल पर ही सुनिश्चित किया जाए। इस अवधि में मजदूरों से मकान का किराया न मांगा जाए। उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो मजदूरों या छात्रों को मकान खाली करने के लिए कहेंगे।

    जिन लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है और इस अवधि में यात्रा की है, उन्हें कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा। क्वारंटाइन की अवध‌ि में ऐसे व्यक्तियों की निगरानी के लिए भी विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।

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