फ्रिंज बेनिफिट टैक्स लगाने के लिए नियोक्ता-कर्मचारी संबंध अनिवार्यः बॉम्बे हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

6 Feb 2020 8:48 AM IST

  • फ्रिंज बेनिफिट टैक्स लगाने के लिए नियोक्ता-कर्मचारी संबंध अनिवार्यः बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज करते हुए कहा है कि फ्रिंज बेनिफिट टैक्स लगाने के लिए नियोक्ता-कर्मचारी संबंध अनिवार्य शर्त है, और ऐसे संबंधों में कर्मचारियों को नियोक्ता द्वारा फ्रिंज बेनिफिट्स प्रदान किया जाना है।

    जस्टिस उज्जल भुयन और मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने 25 जनवरी, 2017 को ITATद्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ आयकर अधिनियम की धारा 260A के तहत आयकर आयुक्त द्वारा दायर अपील पर सुनवाई की।

    वित्त अधिनियम, 2005 के जर‌िए आयकर पर फ्रिंज बेनिफिट्स पेश किया गया था। अधिनियम के अध्याय XXII-H में आयकर पर फ्रिंज बेनिफिट्स का प्रावधान किया गया है। फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को धारा 115 डब्ल्यू (बी) के तहत धारा 115WA के तहत प्रभारणीय कर के रूप में परिभाषित किया गया है।

    केस की पृष्ठभूमि

    मामले में प्रतिवादी कंपनी, एरिस्टो फार्मास्युटिकल्स, ने फ्रिंज बेनिफिट्स का रिटर्न दाखिल किया, जिसमें फ्रिंज बेनिफ‌िट्स का मूल्य 5.4 करोड़ रुपए (लगभग) था। निर्धारिती द्वारा रिटर्न में बताई गई वैल्यू को स्वीकार करते हुए मूल्यांकन अधिकारी ने प्रारं‌भिक मूल्य का आंकलन किया था।

    हालांकि अधिनियम की धारा 115 डब्ल्यूजी के तहत मामला दोबारा खोला गया। दोबारा मूल्यांकन इस आधार पर शुरू किया गया कि डॉक्टरों को दिए गए फ्री सैंपल्स फ्रिंज बेनिफिट की प्रकृति के थे, इसलिए उन पर निर्धारिती द्वारा किए गए व्यय को फ्रिंज बेनिफिट टैक्स में शामिल किया जाए।

    निर्धारिती ने तर्क दिया कि फ्री सैंपल्स पर व्यय की प्रकृति सेल्स प्रमोशन की श्रेणी में नहीं आती। हालांकि मूल्यांकन अधिकारी ने निर्धारिती के तर्क को स्वीकार नहीं किया और ने 22 नवंबर, 2010 के मूल्यांकन आदेश में 4,01,40,143 रुपए की रा‌‌श‌ि को फ्रिंज बेनिफिट्स के मूल्य में जोड़ दिया।

    निर्धारिती की अपील पर प्रथम अपीलीय प्राधिकारी यानी आयकर आयुक्त, मुंबई ने 9 सितंबर, 2011 के आदेश में मूल्यांकन अधिकारी के निर्णय को सही माना।

    जबकि अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीआईटी बनाम टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड के मामले में में हाईकोर्ट के एक फैसले पर भरोसा किया और कहा कि फ्रिंज बेन‌िफिट टैक्स लगाने के लिए नियोक्ता-कर्मचारी संबंध की स्थापना पूर्वशर्त है। इसलिए मूल्यांकन अधिकारी द्वारा पास आदेश‌, जिसकी आयकर आयुक्त ने पुष्टि की है, को रद्द किया जाता है।

    निर्णय

    हाइकोर्ट की बेंच ने अपने फैसले में कहा- "ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश का उल्‍लेख करने से पहले, एक बार फिर अधिनियम की धारा 115 के प्रावधानों का समझना जरूरी है। उक्त धारा में यह स्पष्ट है कि फ्रिंज बेनिफिट टैक्स लगाने के लिए नियोक्ता और कर्मचारी का संबंध आवश्यक है और यह भी आवश्यक है कि नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को फ्रिंज बेनिफिट्स प्रदान किया जाए या प्रदान किया जाना समझा जाए।"

    कोर्ट ने ITAT द्वारा पारित आदेश और जांच का उल्लेख करते हुए कहा कि निर्धारिती द्वारा डॉक्टरों को फ्री सैंपल्स वितरित किया जाता है, जिनके खर्च को लेकर उनका दावा है कि वह सेल्स प्रमोशन की श्रेणी में शामिल नहीं है। अंततः बेंच ने मामले में न्यायाधिकरण के फैसले के साथ सहमत होते हुए अपील खारिज कर दी-

    बेंच ने कहा-

    "चूंकि निर्धारिती और डॉक्टरों, जिन्हें फ्री सैंपल्स प्रदान किए गए, के बीच नियोक्ता-कर्मचारी संबंध नहीं है, इसलिए उस मद में किए गए खर्च को फ्र‌िंज बेनिफिट नहीं माना जा सकता है।"

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