"फिजिकल सुनवाई को बदलना नहीं चाहते बल्कि आइडिया यह है कि भारतीय न्यायिक प्रणाली के लचीलेपन को दिखाया जाए": जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़
LiveLaw News Network
10 April 2021 4:41 PM IST
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट जजमेंट और ई-फाइलिंग 3.0 के लॉन्च के दौरान कहा कि आइडिया यह है कि भारतीय न्यायिक प्रणाली के लचीलेपन को दिखाया जाए। हम ऐसा फिजिकल सुनवाई को बदलने के लिए नहीं कर रहे हैं।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने ऐसा बॉम्बे हाईकोर्ट के हाल के फैसले के संदर्भ में कहा। दरअसल, हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने तेजी से बढ़ते Covid19 के मामलों के मद्देनजर शारीरिक रूप में सुनवाई (फिजिकल मोड) को फिर से स्विच कर वर्चुअल मोड में सुनवाई करने का निर्णय लिया था।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि वे फिजिकल सुनवाई को बदलना नहीं चाहते हैं बल्कि वे देश भर के न्यायालयों में आने वाले वकीलों, वादियों के सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने के प्रति सचेत हैं।
सुप्रीम कोर्ट के ई-कमेटी द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने समिति द्वारा उठाए गए कई कदमों के बारे में बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य फिजिकल सुनवाई प्रणाली को बदलना नहीं है, बल्कि बार और वादियों के लिए सेवाओं को अधिक अनुकूल बनाना है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि,
"मुझे बार के सभी सदस्यों को आत्मसात करने दें। मुझ जैसा व्यक्ति जो हर चीज बार के लिए करता है मेरा दिमाग न्यायिक प्रणाली को और अधिक लचीला बनाने से आगे कुछ नहीं सोच सकता है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि महामारी की वजह से आई समस्याओं का जवाब देने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू किया गया, फिर से फिजिकल सुनवाई को बदलने के लिए नहीं बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि अदालतें लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कार्यात्मक हैं।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि हम तब तक सफल नहीं हो सकते जब तक कि वकील बोर्ड पर न हों। इस योजना की सफलता के लिए बार का विशेष महत्व है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने नई वेबसाइट जजमेंट और ई-फाइलिंग 3.0 का उल्लेख करते हुए कहा कि वकीलों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण वीडियो भी प्रदान किया जाएगा।