"छात्रों के जीवन, सुरक्षा और स्वास्थ्य की पूर्ण अवहेलना": जून में होने वाली INI CET 2021 की परीक्षा को चुनौती देते हुए डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

LiveLaw News Network

8 Jun 2021 8:18 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 16 जून 2021 को राष्ट्रीय महत्व संयुक्त प्रवेश परीक्षा (INI CET 2021) और देश के प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जा रही परीक्षा को स्थगित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग को एक याचिका दायर की गई है। इसमें एम्स, जिपमर और निमहंस (AIIMS, JIPMER and NIMHANS) भी शामिल हैं।

    इंडिया मेडिकल एसोसिएशन, मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क (छत्तीसगढ़ चैप्टर) द्वारा वर्तमान में COVID-19 ड्यूटी में सेवारत 35 डॉक्टरों के साथ दायर याचिका में 16 जून, 2021 को आयोजित होने वाली INI CET 2021परीक्षा को स्थगित करने और इसके संबंध में कम से कम एक महीने का नोटिस देने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।

    अधिवक्ता तन्वी दुबे और चारु माथुर के माध्यम से दायर याचिका में एम्स द्वारा 27 मई, 2021 को जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें अधिसूचित किया गया था कि INI CET 2021 16 जून को आयोजित किया जाएगा।

    याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि आक्षेपित नोटिस न केवल मनमाना है, बल्कि छात्रों के जीवन, सुरक्षा और स्वास्थ्य की पूर्ण अवहेलना के रूप में भी जारी किया गया है। उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि परीक्षा का आयोजन NEET को स्थगित करने के दौरान जारी प्रधानमंत्री के बयान की भावना के खिलाफ है।

    याचिका में कहा गया,

    "परीक्षा की तारीखों की अचानक घोषणा, जब परीक्षार्थी अत्यधिक मानसिक दबाव में होते हैं, उग्र महामारी के बीच में लिए गए एक नासमझ निर्णय के बराबर होती है। लागू निर्णय हमारे फ्रंट लाइन वर्कर्स का ध्यान इस मुश्किल काम से हटा सकता है और संभावित रूप से COVID-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई को खतरे में डाल सकते हैं।"

    याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि आक्षेपित निर्णय इस बात को ध्यान में रखने में विफल रहा है कि कई छात्र वर्तमान में COVID-19 ड्यूटी में तैनात हैं और एक परीक्षा लिखने के लिए उन्हें ड्यूटी छोड़ने की आवश्यकता होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों के लिए यात्रा करना एक बोझिल प्रक्रिया होगी।

    याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि परीक्षा आयोजित करने के निर्णय से केवल 18 दिन पहले सूचित किया गया है और इसलिए, परीक्षा की तैयारी के लिए उनके पास शायद ही कोई समय बचा हो।

    याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि INI CET 2021 परीक्षा के कार्यक्रम की अचानक घोषणा ने उन्हें अत्यधिक मानसिक दबाव में डाल दिया है और इस स्तर पर परीक्षा आयोजित करने से न केवल परीक्षार्थी बल्कि अन्य डॉक्टर और उनके परिवार के सदस्य भी बुरी तरह प्रभावित होंगे।

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