जिला जजों की रिटायरमेंट आयु 61 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से कहा
Shahadat
26 May 2025 3:07 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिला जजों की रिटायरमेंट आयु 61 वर्ष तक बढ़ाने में कोई बाधा नहीं है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से 3 महीने के भीतर रिटायरमेंट आयु बढ़ाने पर प्रशासनिक निर्णय लेने को कहा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ मध्य प्रदेश जज संघ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मध्य प्रदेश में जिला जजों की रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष करने की मांग की गई।
याचिकाकर्ताओं ने 2018 में इस तरह की वृद्धि पर विचार करने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष अभ्यावेदन दिया था। हाईकोर्ट ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि अखिल भारतीय जज संघ मामले (2002) में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इसकी अनुमति नहीं देता।
सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ मामले में तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा दायर आवेदन में अपने पहले के आदेश पर भरोसा किया। इधर, तेलंगाना हाईकोर्ट ने जिला जजों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 61 वर्ष करने के समान मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा था।
इस पर विचार करते हुए यह टिप्पणी की गई:
"आदेश के इस दृष्टिकोण से हमें नहीं लगता कि मध्य प्रदेश राज्य को मध्य प्रदेश राज्य में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 61 वर्ष करने की अनुमति देने में कोई बाधा होनी चाहिए।"
हालांकि, न्यायालय ने स्पष्ट किया,
"यदि हाईकोर्ट आयु बढ़ाकर 61 वर्ष करने का निर्णय लेता है तो इसकी अनुमति दी जाएगी।"
न्यायालय ने हाईकोर्ट से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द विचार करने को कहा।
"हाईकोर्ट अपने प्रशासनिक पक्ष से जल्द से जल्द निर्णय ले। किसी भी स्थिति में 3 महीने की अवधि के भीतर।"
मध्य प्रदेश जज संघ के वकील ने पीठ को सूचित किया कि पहले याचिकाकर्ताओं ने जजों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग की, जो सरकारी अधिकारियों की बढ़ी हुई रिटायरमेंट आयु (जो पहले 60 वर्ष थी) के बराबर है। हालांकि, अब, इसे केवल 61 वर्ष तक बढ़ाने पर विचार करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
केस टाइटल: मध्य प्रदेश जजेज एसोसिएशन बनाम मध्य प्रदेश राज्य | W.P.(C) नंबर 000819 - / 2018

