Dharmasthala Burials : YouTube चैनल पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मंदिर धर्माधिकारी का भाई

Shahadat

7 Aug 2025 3:29 PM IST

  • Dharmasthala Burials : YouTube चैनल पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मंदिर धर्माधिकारी का भाई

    सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें धर्मस्थल दफन मामले से संबंधित धर्मस्थल मंदिर परिवार के खिलाफ अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने से YouTube चैनल पर लगे प्रतिबंध आदेश को हटा दिया गया था।

    याचिकाकर्ता हर्षेंद्र कुमार डी धर्मस्थल मंदिर संस्थान के सचिव के भाई हैं। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए विशेष अनुमति याचिका दायर की है।

    कुमार के वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच के समक्ष उल्लेख किया कि कई YouTube चैनल मंदिर चलाने वाले परिवार के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री प्रकाशित कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा:

    "8000 YouTube चैनल मंदिर प्रशासन के खिलाफ अपमानजनक सामग्री चला रहे हैं। इसलिए माननीय जज, मैं कल (सूचीबद्ध होने के लिए) अनुरोध कर रहा हूं।"

    हालांकि, चीफ जस्टिस ने वकील को सूचित किया कि मामले की सुनवाई पहले ही कल निर्धारित है।

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को धर्मस्थल दफ़नाने के मामले में यूट्यूब चैनल 'कुडला रैम्पेज' के ख़िलाफ़ पारित एकपक्षीय प्रतिबंध आदेश रद्द कर दिया।

    जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने कहा कि निचली अदालत के आदेश में किसी भी कथित मानहानिकारक सामग्री का ज़िक्र नहीं है, जिसके आधार पर उसे पारित किया गया। उन्होंने आगे कहा कि आदेश में "अनिवार्य व्यापक निषेधाज्ञा" दी गई। उन्होंने आगे कहा कि यह आदेश इतना व्यापक है कि यह प्रतिवादी-वादी हर्षेंद्र कुमार डी, परिवार या यहाँ तक कि धर्मस्थल के ख़िलाफ़ किसी भी आवाज़ को "खतरा" पहुँचाता है।

    हाईकोर्ट का यह आदेश बेंगलुरु कोर्ट द्वारा विभिन्न मीडिया हाउसेस और यूट्यूब चैनलों को प्रतिवादी-वादी हर्षेंद्र कुमार डी, धर्मस्थल के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े के भाई, उनके परिवार के सदस्यों, परिवार द्वारा संचालित संस्थानों और श्री मंजूनाथस्वामी मंदिर, धर्मस्थल के ख़िलाफ़ कोई भी "मानहानिकारक सामग्री" प्रकाशित करने से रोके जाने के बाद आया है। इसके बाद चैनल ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था।

    Case Details : HARSHENDRA KUMAR D vs. KUDLA RAMPAGE| Diary No. - 43657/2025

    Next Story