दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में दिशा रवि को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा
LiveLaw News Network
22 Feb 2021 5:38 PM IST
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को टूलकिट मामले में दर्ज एफआईआर के संबंध में 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिश रवि को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
उन्हें आज तीन दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले पटियाला हाउस कोर्ट के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। पुलिस 14 फरवरी को रवि की 5 दिन की हिरासत पहले ही ले चुकी है। रवि को बैंगलोर से 13 फरवरी को गिरफ्तारी किया गया था।
पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मुख्य मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने पुलिस कस्टडी का आदेश पारित किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने दिशा रवि की जमानत अर्जी पर कल फैसला सुनाने वाली है।
5 दिनों की पुलिस हिरासत की मांग करते हुए, आज अतिरिक्त लोक अभियोजक ने दलील दी कि दिशा रवि से सह-अभियुक्त निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ पूछताछ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दिशा ने खालिस्तानी लिंक वाले समूहों के साथ मिलकर 'टूलकिट' बनाया।
रवि की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने 5 दिन की पुलिस हिरासत की मांग का विरोध करते हुए कहा कि उनके पास शुरुआत में 5 दिन की पुलिस हिरासत थी, जिसके बाद उनकी मांग के अनुसार 3 दिन की न्यायिक हिरासत भी रही।
अग्रवाल ने दलील दी कि आगे पुलिस हिरासत दिए जाने से जमानत आदेश पर असर पड़ेगा, जो कल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नए रिमांड आवेदन में कमोबेश उन्हीं बिंदुओं को उठाया गया है, जिन्हें पहले रिमांड आवेदन में उठाया गया था।
अग्रवाल ने कहा, "यह मेरी जमानत अर्जी को खत्म करने का प्रयास है।"
पुलिस ने अदालत को बताया कि उन्होंने नया रिमांड आवेदन इसलिए दायर किया है क्योंकि नए आरोपियों से जल्द ही पूछताछ की जानी है।
पुलिस ने कहा, "हमने 5 दिनों की अवधि समाप्त होने के बाद अनावश्यक रिमांड नहीं मांगा है। हम आज यह महसूस करते हैं कि अन्य सह आरोपी यहां हैं। यह एक मामूली मामला नहीं है। इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है। यही कारण है कि आज नया आवेदन दायर किया गया है, जिससे जांच में सुविधा हो सकती है।"
एपीपी ने पूछा कि पुलिस रिमांड को सजा के रूप में क्यों देखा जाता है, जबकि वह अभियुक्त के अनुकूल हो सकती है, क्योंकि वह सह-अभियुक्त को दोष देने में सक्षम हो सकता है।
उन्होंने कहा, "मैं जानना चाहता हूं, पुलिस कस्टडी को सजा के रूप में क्यों देखा जाता है? आरोपी क्यों देख रहा है कि पुलिस कस्टडी में उसके खिलाफ कुछ गलत होगा?"
19 फरवरी को एसीएमएम ने उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अगले दिन, पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने 23 फरवरी के लिए उनकी जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित रख लिया।
दिशा रवि को सोशल मीडिया पर किसान विरोधी आंदोलन के संबंध में अंतररष्ट्रीय कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए "टूलकिट" पर दर्ज एक मामले में दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को बेंगलुरु के निवास से गिरफ्तार किया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले में सह-अभियुक्त एडवोकेट निकिता जैकब को तीन सप्ताह की अग्रिम जमानत दे दी है।
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 4 फरवरी को किसानों के विरोध प्रदर्शनों के समन्वय के संबंध में साझा किए गए 'टूलकिट' पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला आपराधिक साजिश, राजद्रोह और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। मामले में रवि की पुलिस द्वारा की गई पहली गिरफ्तारी थी।
रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें मीडिया रिपोर्ट ने दुख जताया गया है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह की पीठ ने कहा कि मीडिया को सनसनीखेज रिपोर्टिंग से बचने के लिए संपादकीय विवेक का प्रयोग करना चाहिए।
पीठ ने दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि मामले की जांच के दौरान किसी भी प्रकार की मीडिया लीकेज न हो।