'रक्षा मंत्रालय कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता ' : सुप्रीम कोर्ट ने ओआरओपी पेंशन बकाया पर केंद्र को चेताया

LiveLaw News Network

13 March 2023 3:07 PM IST

  • One Rank One Pension Scheme

    One Rank One Pension Scheme

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रक्षा मंत्रालय को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना के तहत सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनरों को बकाया राशि के भुगतान के मामले में "कानून अपने हाथों में लेने" के खिलाफ चेतावनी दी।

    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मंत्रालय को पेंशन की मात्रा और तौर-तरीकों से संबंधित एक नोट उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया। अदालत ने पहले केंद्र को 15 मार्च 2023 तक सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनरों को बकाया राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था।

    27 फरवरी को, कोर्ट ने 20 जनवरी को एक संचार जारी करके रक्षा मंत्रालय द्वारा एकतरफा रूप से समय सीमा बढ़ाने पर नाराज़गी व्यक्त की थी, जिसके अनुसार पेंशन बकाया चार समान अर्धवार्षिक किस्तों में भुगतान किया जाएगा।

    आज की सुनवाई में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने रक्षा मंत्रालय को कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश न करने की चेतावनी दी।

    सीजेआई ने भारत के अटॉर्नी जनरल से कहा कि न्यायालय केवल समय सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र के आवेदन पर तभी विचार करेगा जब पूर्व संचार वापस ले लिया जाएगा।

    "मिस्टर एजी, रक्षा मंत्रालय कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता! रक्षा सचिव ने जो अधिसूचना जारी की है, वह सीधे तौर पर हमारे आदेशों के खिलाफ है। जब वह 20 तारीख का संचार वापस लेंगे , तब हम आपके आवेदन को सुन सकते हैं"

    इसके बाद उन्होंने पूछा कि पेंशन कब मिलेगी।

    भारत के अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने प्रस्तुत किया कि बकाया शीघ्र ही जारी किया जाएगा और पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च से पहले किया जाएगा। एजी ने आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल 25 लाख पेंशनभोगी हैं, जिनकी पेंशन सारणी अंतिम पुनरीक्षण के लिए मंत्रालय के पास आई थी और उनमें से 7 लाख आवेदनों को मंज़ूरी दे दी गई थी। उन्होंने तर्क दिया कि बहुत सारी "परिचालन बाधाएं" हैं।

    इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट समेत याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने पीठ को अवगत कराया कि लगभग 4 लाख पेंशनभोगी पेंशन का इंतजार करते हुए पहले ही मर चुके हैं।

    उन्होंने तर्क दिया,

    "उन्होंने (मंत्रालय) ने विस्तार के लिए चार आवेदन किए हैं, अब वे और विस्तार चाहते हैं और यह 2024 में समानता को प्रभावित करेगा। यह बहुत ही अनुचित है। उनके पास अन्य चीजों के लिए पर्याप्त पैसा है लेकिन उनके पास पेंशनभोगियों के लिए पैसा नहीं है। 4 लाख पेंशनरों की मृत्यु हो गई है।"

    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने मंत्रालय से अब तक भुगतान की गई राशि, भविष्य में किए जाने वाले भुगतान और प्राथमिकता के अनुसार बकाया राशि का विवरण प्रदान करने के लिए एक नोट प्रदान करने को कहा।

    उन्होंने टिप्पणी की,

    "हमारी एकमात्र चिंता यह है कि सेना के जवानों को राशि मिल जाए। हमें सोमवार को नोट दिखाएं - हमें दो भागों में दें - क्या भुगतान किया गया है, भविष्य के भुगतान के लिए क्या तरीका है, कुछ वर्गीकरण, प्राथमिकता क्या है। बुज़ुर्गों और विधवाओं को पहले लिया जा सकता है "

    मामले की सुनवाई अब 20 मार्च 2023 को होगी

    केस :इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट बनाम भारत संघ, डब्ल्यूपी (सी) संख्या 573/2022 पीआईएल में एमए 270/2023

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